इ-कॉमर्स |
नमस्कर मित्रों , आज जानेगे इ-कॉमर्स क्या है और इसके प्रकार और उपयोग के बारे में आजकल इ-कॉमर्स का प्रचलन अधिक है तो सोचा क्यों ना इस पर एक पोस्ट हो जाए।
इ-कॉमर्स (इलेक्ट्रोनिक कॉमर्स) :
किसी भी समान को इलेक्ट्रोनिक माध्यम (मुख्य रूप में इंटरनेट) से खरीदा या बेचा जाये उसे इ-कॉमर्स कहते हैं। ऑनलाइन रिटेल बहुत आरामदायक होता है क्योंकि एक तो वह 24 घंटे उपलब्ध रहता है, वैश्विक स्तर पर उपलब्ध होता है और आमतौर पर अच्छी ग्राहक सेवा प्रदान करता है।
ई-कॉमर्स व्यपार में निम्नलिखित विशेषताएं होती है :
* प्योर (pure)-क्लिक या प्योर-प्ले संस्थाएं - जिन्होंने बिना किसी पुरानी चल रही संस्था के, बस एक साईट शुरू कर दी है।
* बिक्र-एंड-क्लिक संस्थाएं - वह चल रही संस्था होती है जिसने इ-कॉमर्स के लिए साइट लांच की है।
* क्लीक-टू-बिक्र संस्था - यानी ऑनलाइन विक्रेता जिसने बाद में कुछ जगहों पर दुकान खोली हो।
इ-कॉमर्स कम्पनी ग्राहक को बेहतर उत्पाद, बेहतर आफ्टर-सेल्स-सर्विस देती है जो ग्राहक को और करीब ले आता है। इससे प्रतिस्पर्धा भी बढती है। कीमत में आकर्षक कमी, इ-कॉमर्स की एक महत्वपूर्ण विशेषता है, इ-कॉमर्स नए तरीकों से ग्राहकों के पास एक 24 घंटे खुला रहने वाला वर्चुअल स्टोर बन गया है।
ई-कॉमर्स व्यपार में निम्नलिखित विशेषताएं होती है :
* ऑनलाइन शौपिंग साईट, खुदरा बिक्री -सीधे ग्राहक के लिए।
* बेचने वाला ऑनलाइन बाजार (मार्केटप्लेस) में भाग ले सकता है जो की व्यापार ग्राहक, या ग्राहक - ग्राहक बेचने का माध्यम प्रदान करता है।
* व्यापार - व्यापार (Business 2 Business) खरीदना और बेचना।
* डेमोग्राफी डाटा को एकत्रित करना (सोशल मिडिया और वेब कॉन्टेक्ट्स द्वारा)
* B2B इलेक्ट्रोनिक डाटा एक दुसरे से आदान-प्रदान करना।
* ईमेल और फेक्स के द्वारा क्लाइंट्स और सबंधित ग्राहकों को पाने के लिए मार्केटिंग करना (उदाहरण के लिए - समाचार पत्र)
इ-कॉमर्स के प्रकार :
* प्योर (pure)-क्लिक या प्योर-प्ले संस्थाएं - जिन्होंने बिना किसी पुरानी चल रही संस्था के, बस एक साईट शुरू कर दी है।
* बिक्र-एंड-क्लिक संस्थाएं - वह चल रही संस्था होती है जिसने इ-कॉमर्स के लिए साइट लांच की है।
* क्लीक-टू-बिक्र संस्था - यानी ऑनलाइन विक्रेता जिसने बाद में कुछ जगहों पर दुकान खोली हो।
कई प्रकार की इ-बिक्री हो सकती है, जैसे :
* व्यापार से ग्राहक (Business 2 Consumer) -: कम्पनी सीधे अपना समान उपभोगकर्ता को बेचती है। B2C वेब शॉप्स आमतौर पर सभी विसिटर्स के लिए खुली होती है। उदाहरण है अमेजोन।
* व्यापार से प्यापार (Business 2 Business) -: कम्पनी बिना सीधे ग्राहक को बेचे, सीधे दुसरी कम्पनी को सामान बेचती है। इनके ऑनलाइन साईट पर लॉग इन करना पड़ता है। इस प्रकार की साइट्स पर आमतौर पर ग्राहक के हिसाब से दाम, डिस्काउंट और माल की छंटनी होती है। उदाहरण है अलीबाबा।
* ग्राहक से व्यापार (Consumer 2 Business) -: यहाँ ग्राहक अपना सामान ऑनलाइन बेचने के लिए लगा देता है जहाँ कम्पनी बोली लगा सकती है। ग्राहक इन बोलियों को देख सकता है और अपने हिसाब से कम्पनी चुन कर माल बेच सकता है।
* ग्राहक से ग्राहक (Consumer 2 Consumer) -: ग्राहक अपने माल को दुसरे ग्राहक को बेचता है इसका बेहतरीन उदाहरण है ईबाय।
* मोबाईल कॉमर्स (mCommerce) -: मोबाइल या पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट (PDA) के द्वारा माल को खरीदने या बेचने को मोबाइल कॉमर्स कहते हैं। अगली पीढ़ी कही जाने वाले इस इ-कॉमर्स में यूजर को इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए किसी प्लग में तार नहीं लगाना पड़ता।
इ-कॉमर्स की सबसे सबसे बड़ी विशेषता है बिना किसी ज्यादा फाइनेंसियल इन्वेस्टमेंट के उसका वैश्विक होना, इस तरह के कॉमर्स के लिए कोई जमीनी बाध्यता नहीं है। ग्राहक वैश्विक तौर पे चुन सकते है, सभी बेचने वालों की तुलना कर सकते हैं बिना उनकी वर्तमान भौगोलिक स्थिति के। सीधे ग्राहक को कम्पनी से मिला देने के गुण से इ-कॉमर्स ने बिचोलियों के लिए कोई काम नहीं छोड़ा है, कुछ जगह है भी तो काफी कम। इस प्रकार कम्पनी और ग्राहक के बीच सीधा तार जुड़ जाता है, जिससे कम्पनी ग्राहक को उसके उत्पाद और सर्विस प्रदान कर सकती है।
इ-कॉमर्स कम्पनी ग्राहक को बेहतर उत्पाद, बेहतर आफ्टर-सेल्स-सर्विस देती है जो ग्राहक को और करीब ले आता है। इससे प्रतिस्पर्धा भी बढती है। कीमत में आकर्षक कमी, इ-कॉमर्स की एक महत्वपूर्ण विशेषता है, इ-कॉमर्स नए तरीकों से ग्राहकों के पास एक 24 घंटे खुला रहने वाला वर्चुअल स्टोर बन गया है।
इ-कॉमर्स के प्रयोग : सबसे प्रचलित इ-कॉमर्स एप्लीकेशन है:
खुदरा एवं थोक व्यापार : खुदरा और व्यापार में इ-कॉमर्स के कई इस्तेमाल है। इ-रिटेलिंग या ऑनलाइन रिटेल, व्यापार से ग्राहक को माल इलेक्ट्रोनिक कैटेलोग और शौपिंग कार्ट मॉडल के माध्यम से बेचना है। एक साइबर मॉल या इ-मार्केटप्लेस ग्राहक और सेलर को एक वर्चुअल स्पेस में (एक वेब ब्राउज़र के द्वारा)आकर्षित करते हैं।
प्रचार : ग्राहक के व्यवहार, जरूरत और खरीदने के तरीके की जानकारी वेब और इ-कॉमर्स द्वारा जुटाई जा सकती है। यह प्रचार कार्यों जैसे कीमत तय करना, मोल-भाव करना, उत्पाद के फीचर में बदलाव एवं ग्राहक के साथ सम्बन्धों में मदद करता है।
फाइनेस : इस प्रकार की कम्पनिया इ-कॉमर्स का काफी उपयोग करती है। ग्राहक समस्त सेवाएं जैसे खाते का बैलेंस चेक करना, पेमेंट ट्रांसफर करना, अपने बिल जमा करना इ-बैंकिंग या ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से आसानी से कर सकते है। इ-कॉमर्स का एक अन्य उपयोग ऑनलाइन स्टॉक लें-देंन भी है। काफी साइट्स कम्पनियों के प्रोफाइल एवं उसके स्टॉक/शेयर के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाती है।
मेन्युफैक्चरिंग : इ-कॉमर्स किसी कम्पनी के माल ढुलाई के सिस्टम को भी सम्भाल लेता है। कुछ कम्पनिया एक प्रकार का इलेक्ट्रोनिक एक्सचेंज बना लेती है। इसमें सम्मिलित होता है माल का खरीदना-बेचना, व्यापार मार्केटिंग की जानकारी, कार्यालय की जानकारी जैसे इन्वेंटरी कंट्रोल, कच्चा माल एवं तैयार माल की ढुलाई प्रोसेस इस प्रकार से तेज हो जाती है।
बोली (ऑक्शन) : ग्राहक-ग्राहक इ-कॉमर्स माल के सीधे सीधे ग्राहकों के बीच बेचने को कहते हैं। इसमें इलेक्ट्रोनिक बोली भी शामिल है। बिडिंग एक प्रकार की बोली है जिसमे संभावित ग्राहक माल के लिए ऑनलाइन बोली लगा सकता है।
ऑनलाइन शौपिंग साइट्स :
आजकल लोगों के पास समय की कमी है और वह अपने काम में अधिक व्यस्त हो गये हैं। किसी अन्य काम के लिए बहुत ही कम समय बचता है और ऐसे में ऑनलाइन शौपिंग ही उनके लिए अच्छा माध्यम बनाता है। स्मार्टफोन के आने से इंटरनेट का उपयोग सरल हो गया है जिससे ऑनलाइन शौपिंग और भी ज्यादा प्रचलित हो गयी है। हिंदुस्तान की कई ऑनलाइन शौपिंग साइट्स इस प्रकार प्रचलित हो गयी है जो ग्राहकों को लुभावने ऑफर देकर आकर्षित करती है।
ऑनलाइन शौपिंग एक तेज, किफायती, आसान और मजेदार अनुभव प्रदान करता है। इसमें खूबियाँ जैसे 24 घंटे शौपिंग, डिस्काउंट कूपन के साथ शौपिंग, घर बैठे शौपिंग, अच्छी गुणवता के उत्पाद इत्यादि।
खुदरा एवं थोक व्यापार : खुदरा और व्यापार में इ-कॉमर्स के कई इस्तेमाल है। इ-रिटेलिंग या ऑनलाइन रिटेल, व्यापार से ग्राहक को माल इलेक्ट्रोनिक कैटेलोग और शौपिंग कार्ट मॉडल के माध्यम से बेचना है। एक साइबर मॉल या इ-मार्केटप्लेस ग्राहक और सेलर को एक वर्चुअल स्पेस में (एक वेब ब्राउज़र के द्वारा)आकर्षित करते हैं।
प्रचार : ग्राहक के व्यवहार, जरूरत और खरीदने के तरीके की जानकारी वेब और इ-कॉमर्स द्वारा जुटाई जा सकती है। यह प्रचार कार्यों जैसे कीमत तय करना, मोल-भाव करना, उत्पाद के फीचर में बदलाव एवं ग्राहक के साथ सम्बन्धों में मदद करता है।
फाइनेस : इस प्रकार की कम्पनिया इ-कॉमर्स का काफी उपयोग करती है। ग्राहक समस्त सेवाएं जैसे खाते का बैलेंस चेक करना, पेमेंट ट्रांसफर करना, अपने बिल जमा करना इ-बैंकिंग या ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से आसानी से कर सकते है। इ-कॉमर्स का एक अन्य उपयोग ऑनलाइन स्टॉक लें-देंन भी है। काफी साइट्स कम्पनियों के प्रोफाइल एवं उसके स्टॉक/शेयर के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाती है।
मेन्युफैक्चरिंग : इ-कॉमर्स किसी कम्पनी के माल ढुलाई के सिस्टम को भी सम्भाल लेता है। कुछ कम्पनिया एक प्रकार का इलेक्ट्रोनिक एक्सचेंज बना लेती है। इसमें सम्मिलित होता है माल का खरीदना-बेचना, व्यापार मार्केटिंग की जानकारी, कार्यालय की जानकारी जैसे इन्वेंटरी कंट्रोल, कच्चा माल एवं तैयार माल की ढुलाई प्रोसेस इस प्रकार से तेज हो जाती है।
बोली (ऑक्शन) : ग्राहक-ग्राहक इ-कॉमर्स माल के सीधे सीधे ग्राहकों के बीच बेचने को कहते हैं। इसमें इलेक्ट्रोनिक बोली भी शामिल है। बिडिंग एक प्रकार की बोली है जिसमे संभावित ग्राहक माल के लिए ऑनलाइन बोली लगा सकता है।
ऑनलाइन शौपिंग साइट्स :
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आजकल लोगों के पास समय की कमी है और वह अपने काम में अधिक व्यस्त हो गये हैं। किसी अन्य काम के लिए बहुत ही कम समय बचता है और ऐसे में ऑनलाइन शौपिंग ही उनके लिए अच्छा माध्यम बनाता है। स्मार्टफोन के आने से इंटरनेट का उपयोग सरल हो गया है जिससे ऑनलाइन शौपिंग और भी ज्यादा प्रचलित हो गयी है। हिंदुस्तान की कई ऑनलाइन शौपिंग साइट्स इस प्रकार प्रचलित हो गयी है जो ग्राहकों को लुभावने ऑफर देकर आकर्षित करती है।
ऑनलाइन शौपिंग एक तेज, किफायती, आसान और मजेदार अनुभव प्रदान करता है। इसमें खूबियाँ जैसे 24 घंटे शौपिंग, डिस्काउंट कूपन के साथ शौपिंग, घर बैठे शौपिंग, अच्छी गुणवता के उत्पाद इत्यादि।
हिंदुस्तान की प्रमुख ऑनलाइन शौपिंग साइट्स:
* फ्लिप्कार्ट.कॉम (अप म्यिन्त्रा के भी मालिक) : 2004 में लगभग 4 लाख रूपये से शुरू, आज 60000 करोड़ रु. का सालाना टर्नओवर, यह एक मार्किटप्लेस है जहाँ किताबों से लेकर इलेक्ट्रोनिक्स, कपड़े, जूते आदि सब कुछ खरीद सकते हैं। यह हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी साईट है।
* अमेजन.इन : यह दुनियाभर में इ-कॉमर्स में अवल्ल है। अब हिंदुस्तान में भी अपने व्यापार को चालू कर दिया है। इस साईट पर सभी प्रकार का सामान किफायती दरों में उपलब्ध है।
* स्नैपडील.कॉम : यह साईट आस पड़ोस के उत्पाद एवं सर्विसेज जैसे मसाज, भ्रमण और रेस्तरा पर बेहतरीन ऑफर देती है। यह साईट अच्छी कीमत और मुफ्त कुरियर सेवा देती है।
* पेटिएम.कॉम : इसकी शुरुआत मोबाइल इ-वॉलेट के द्वारा मोबाइल रिचार्ज, बिल भुगतान आदि से शुरू हुई थी। अब ये साईट एक सम्पूर्ण मार्किटप्लेस की तरह सब कुछ बेच रही है। इसकी कम कीमत, इ-वॉलेट के बेहतरीन उपयोग के कारण इस साईट ने बहुत ही कम समय में शीर्ष दस साइट्स में अपनी जगह बना रखी है ।
* जबोंग.कॉम : यह एक फैशन स्टोर है जो की हर आइटम पर अच्छा डिस्काउंट प्रदान करवाता है। कपड़ों और घर की साज-सज्जा के सामान का बेहतरीन संग्रह इस साईट पे मिलता है।
मित्रों ये थी इ-कॉमर्स से जुडी जानकारी, सभी शौपिंग साइट्स के लिंक नाम में ही है, अगले लेख में बताऊंगा क्लाउड स्टोरेज के बारे में।
Indian online shopping Site |
* फ्लिप्कार्ट.कॉम (अप म्यिन्त्रा के भी मालिक) : 2004 में लगभग 4 लाख रूपये से शुरू, आज 60000 करोड़ रु. का सालाना टर्नओवर, यह एक मार्किटप्लेस है जहाँ किताबों से लेकर इलेक्ट्रोनिक्स, कपड़े, जूते आदि सब कुछ खरीद सकते हैं। यह हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी साईट है।
* अमेजन.इन : यह दुनियाभर में इ-कॉमर्स में अवल्ल है। अब हिंदुस्तान में भी अपने व्यापार को चालू कर दिया है। इस साईट पर सभी प्रकार का सामान किफायती दरों में उपलब्ध है।
* स्नैपडील.कॉम : यह साईट आस पड़ोस के उत्पाद एवं सर्विसेज जैसे मसाज, भ्रमण और रेस्तरा पर बेहतरीन ऑफर देती है। यह साईट अच्छी कीमत और मुफ्त कुरियर सेवा देती है।
* पेटिएम.कॉम : इसकी शुरुआत मोबाइल इ-वॉलेट के द्वारा मोबाइल रिचार्ज, बिल भुगतान आदि से शुरू हुई थी। अब ये साईट एक सम्पूर्ण मार्किटप्लेस की तरह सब कुछ बेच रही है। इसकी कम कीमत, इ-वॉलेट के बेहतरीन उपयोग के कारण इस साईट ने बहुत ही कम समय में शीर्ष दस साइट्स में अपनी जगह बना रखी है ।
* जबोंग.कॉम : यह एक फैशन स्टोर है जो की हर आइटम पर अच्छा डिस्काउंट प्रदान करवाता है। कपड़ों और घर की साज-सज्जा के सामान का बेहतरीन संग्रह इस साईट पे मिलता है।
मित्रों ये थी इ-कॉमर्स से जुडी जानकारी, सभी शौपिंग साइट्स के लिंक नाम में ही है, अगले लेख में बताऊंगा क्लाउड स्टोरेज के बारे में।
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