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क्‍वेरी यूजर की प्रासंगिकता द्वारा क्रमित पोस्‍ट दिखाए जा रहे हैं. तारीख द्वारा क्रमित करें सभी पोस्‍ट दिखाएं
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13 अक्तूबर 2018

वेब ब्राउज़र क्या हैं? लोकप्रिय ब्राउज़र कौनसे हैं?

About Browser
Popular Browser
नमस्कार मित्रों, स्वागत है आपका अपना अंतर्जाल पर। आज की पोस्ट में बताऊंगा ब्राउज़र और उसके प्रकार आज की पोस्ट उनके लिए है जो अभी इंटरनेट पर नए है, क्योंकि बाकि तो सभी जानते हैं की ब्राउज़र क्या है?

ब्राउज़र (Browser) एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है जो वर्ल्ड वाइड वेब पर कंटेंट को खोजने, प्राप्त करने (retrieve)एवं प्रदर्शित करने (display) में उपयोग में आती है, जैसे इमेजेज,वेब पेजेज, विडिओ कंटेंट्स आदि। एक क्लाइंट/सर्वर मॉडल की तरह, ब्राउज़र एक क्लाइंट की तरह काम करता है, जो यूजर के कंप्यूटर पर रन होता है। ब्राउज़र वेब सर्वर को संम्पर्क (कांटेक्ट) करके इन्फोर्मेशन रिक्वेस्ट करता है। उसके बाद वेब सर्वर इन्फोर्मेशन प्राप्त करके वापिस इन्फोर्मेशन वेब ब्राउज़र को भेज देता है, ब्राउज़र इस इन्फोर्मेशन को प्रोसेस करके कंप्यूटर पर डिस्प्ले कर देता है।

आज के ब्राउज़र अत्याधुनिक है एवं पुरी तरह से कार्यात्मक (fully functional) सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है जो वेब सर्वर पर होस्टेड वेब पेजेज, एप्लीकेशन, जावा स्क्रिप्ट एवं अन्य तरह के कंटेंट्स को प्रोसेस और प्रदर्शित कर सकते हैं। वेब ब्राउज़र एक यूजर इंटरफेस, लेआउट इंजन, रेंडरिंग इंजन, जावा स्क्रिप्ट इंटरप्रेटर, यूजर इंटरफेस बेक एंड, नेटवर्क एवं डाटा कम्पोनेंट्स से मिलकर बनता है।

अधिकांश प्रमुख वेब ब्राउज़र के यूजर इंटरफेस में कुछ समान अवयव होते हैं जिनके नाम अलग-अलग ब्राउज़र में अलग-अलग हो सकते हैं।

ये अवयव (एलेमेंट्स) निम्नलिखित हैं :

* पीछे और आगे के बटन्स (बैक व फोरवर्ड बटन्स) : क्रमश: पिछले या आगे के संसाधन में जाने के लिए।
* एक रिफ्रेश या रीलोड बटन, मौजूदा संसाधन (रिसोर्स पेज) को फिर से लोड करने के लिए।
* एक स्टॉप बटन, रिसोर्स लोडिंग रद्द करने के लिए। कुछ ब्राउज़रों में, स्टॉप बटन को रीलोड के साथ विलय कर दिया जाता है, मतलब जब आप रीलोड बटन को दबाते है तभी स्टॉप बटन दिखाई देता है स्टॉप करने के लिए।
* एक होम बटन, यूजर (उपयोगकर्ता) के मुख्य पृष्ठ (होमपेज) पर लौटने के लिए।
* एक एड्रेस बार जो वांछित संसाधन या पेज का यूनिफार्म रिसोर्स आइडेंटिफायर (Uniform Resource Identifier - URI) इनपुट करने में काम आती है।
* एक सर्च इंजन में इनपुट शब्दों के लिए एक सर्चबार। कुछ ब्राउज़रों में, सर्च बार को एड्रेस बार के साथ विलय कर दिया जाता है। 
* एक स्टेट्स बार जो संसाधन या पेज को लोड करने में प्रगतिं प्रदर्शन करती है, साथ में जूमिंग बटन्स भी होते हैं।
* व्यूपोर्ट, ब्राउज़र विंडो के अंदर वेबपेज के दृश्य क्षेत्र।
* एक पेज के लिए HTML सोर्स (स्रोत) को देखने की क्षमता।
* प्रमुख ब्राउजरों में एक वेब पेज के अंदर खोज करने के लिए इंक्रीमेंटल फाइंड फीचर भी होता है।
* अधिकतर ब्राउजर HTTP सिक्योर को सपोर्ट करते हैं और वेब कैश, डाउनलोड हिस्ट्री को नष्ट करने के लिए त्वरित और आसान तरीके प्रस्तुत करते हैं।

वर्तमान में दो सबसे ज्यादा लोकप्रिय ब्राउज़र है - माइक्रोसॉफ्ट इन्टरनेट एक्स्प्लोरर / माइक्रोसोफ्ट एज और गूगल क्रोम। अन्य प्रमुख ब्राउज़रों में मोजिला फायरफॉक्स, एप्पल सफारी और ओपेरा शमिल है। 
क्रोम ब्राउज़र को डिफॉल्ट ब्राउज़र के रूप में सेट रखना चाहिए क्योंकि यह गूगल आधारित अन्य सेवाओं के साथ सहज एकीकरण (सीमलेस इंटीग्रेशन) के कारण और अधिक सुविधाजनक बन जाता है। सभी ब्राउज़र के डाउनलोड लिंक नाम में ही है।

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25 फ़रवरी 2014

समयावधि पूरी होने के बाद भी बदलें अपना फेसबुक प्रोफाइल नेम।


Change-Facebook-Profile-Name Add caption


नमस्कार मित्रों,
बहुत से फेसबुक यूजर को ये समस्या रहती है की वो अपना प्रोफाइल नेम बदलना चाहते है लेकिन बदल नहीं पाते,क्योंकि फेसबुक के नियम और शर्तों अनुसार आपके प्रोफाइल नेम को बदलने की अनुमति सिर्फ 5 बार मिलती है। और कई बार ऐसा होता है की आपने नई आईडी बनाई और अपना प्रोफाइल नेम किसी स्पेशल करेक्टर में लिख दिया तो वो नाम आपका स्थाई रह जाता है क्योंकि ऐसे नाम फेसबुक की शर्तों के अनुसार फेक होते हैं। अब आपका नाम बदलने में परेशानी हो रही है तो उपरोक्त कारणों में से एक कारण हो सकता है।

वैसे फेसबुक में हर चीज की एक लिमिट है जैसे -: यूजर नेम आप 1 बार ही बदल सकते हैं चांहे वो ग्रुप का यूजर नेम हो या पेज का यूजर नेम हो। 200 लाइक होने के बाद आप पेज का नाम नहीं बदल सकते। ऐसा कुछ फेसबुक के नियम और शर्तों में लिखा हुआ है।

चलो छोड़ो यार इस बात को, हम मुख्य बिंदु पर आते हैं,कि फेसबुक प्रोफाइल नेम को लिमिट पूरी होने के बाद भी कैसे बदला जाए। तो इसके लिए आपको यहाँ क्लिक करना होगा, इसके बाद जो पेज खुलेगा उसमें एक फॉर्म होगा। उस फॉर्म को भरें अपनी सारी जानकारी सही लिखें और फोटो वेरिफिकेशन के लिए सरकार द्वारा जारी प्रमाण कोई भी प्रमाण पत्र स्केन करके अपलोड करें, अपलोड समाप्त होने के बाद, अंत में "send" बटन पर क्लिक करें। आपकी रिक्वेस्ट फेसबुक को पहुँच जायेगी 4 या 5 दिन में आपका नाम बदल जायेगा।

जरूरी बात -: अपने प्रोफाइल नाम बदलने की रिक्वेस्ट सेंड करने से पहले कृपया अपनी प्रोफाइल फोटो रियल अवश्य लगा ले ये आपके नाम को जल्दी बदलने में सहायक रहेगी।

फेसबुक से सबंधित अन्य टिप्स और ट्रिक पढ़ने के लिए यहाँ क्लीक करें अभी। यदि आपको ये पोस्ट अच्छी लगी तो आज इसे फेसबुक पे शेयर कर दो,कई लोगो का भला हो जायेगा। धन्यवाद।


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04 दिसंबर 2012

क्यों होते हैं फेसबुक प्रोफाइल हैक?



इन दिनों फेसबुक यूजर्स के लिए हैकिंग की समस्या आम हो गई है।
पिछले दिनों बेंगलुरु में तकरीबन दो लाख फेसबुक यूजर्स इसके शिकार हुए हैं। ज्यादातर फेसबुक यूजर की समस्या है कि या तो उनका अकाउंट किसी ने हैक कर लिया है या उनकी वॉल पर किसी ने कोई भी सामग्री पोस्ट कर दी है।

अकाउंट हैक की कोशिश उन यूजर के साथ ज्यादा हो रही है जिन्हें कम्प्यूटर का बेसिक नॉलेज कम है या जो अपना पासवर्ड बदलते ही नहीं हैं। विशेषज्ञों की राय है कि इन समस्याओं से बचने के लिए कम्प्यूटर का बेसिक नॉलेज रखना जरूरी है ताकि कोई भी वायरस या गलत सामग्री को खोलने से पहले आप एक बार जरूर सोचें।

अकाउंट हैक होने के मामले ज्यादा

दूसरे का अकाउंट हैक करने जैसे मामले इन दिनों ज्यादा होने लगे हैं। इसमें दो चीजें मुख्य हैं- पहला किसी व्यक्ति का अकाउंट बना हुआ है और कोई अन्य व्यक्ति उसके अकाउंट पर अश्लील फोटो या मैसेज डाल देता है। या फिर दूसरे व्यक्ति के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाना। लोग फर्जी आईडी बनाकर दोस्तों को जो़ड़ने का प्रयास करते हैं और जब ज्यादा दोस्त जु़ड़ जाते हैं तो फिर उन्हें अश्लील फोटो और मैसेज डाल देते हैं। इससे आपकी फेसबुक फ्रेंड्स के सामने गलत इमेज बनती है।

सोशल नेटवर्किंग का चलन

आईटी एक्सपर्ट मानते हैं कि आजकल सोशल नेटवर्किंग का चलन ज्यादा हो गया है। कोई भी व्यक्ति इंटरनेट न जानते हुए फेसबुक और अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट का उपयोग करने लगता है। उन व्यक्तियों को बेसिक कम्प्यूटर नॉलेज होना बहुत जरूरी है उसके बाद ही उन्हें इंटरनेट का प्रयोग करना चाहिए।

बचने के तरीके

- किसी दोस्तों की तरफ से मैसेज आता है तो उसे प़ढ़कर व समझकर ही क्लिक करें क्योंकि उसमें वायरस हो सकता है।
यदि समझ नहीं आए तो उसे डिलीट कर दें। या फिर तुरंत ही उस व्यक्ति को सूचित करें जिसके अकाउंट से वॉल पर पोस्ट हुआ है।
- ई-मेल पर कोई लिंक आती है तो उसे भी क्लिक न करें।
- फेसबुक एप्लीकेशन यूज कर रहे हैं तो पहले परमिशन मांगी जाती है यहां यह जान लें कि सामने वाला क्या-क्या जानकारी हमारी प्रोफाइल से ले सकता है।
- यदि सामने वाला यूजर डिटेल में जानकारी लेता है तो उस एप्लीकेशन को यूज करने से बचें।
- यदि आप फेसबुक वॉल पर कोई ऐसा फोटो देखते हैं जो गलत है या अच्छा नहीं है तो आप उस फोटो और मैसेज को रिपोर्ट एब्यूस पर क्लिक कर दीजिए। यदि फेसबुक टीम को लगेगा कि इस फोटो और मैसेज को ज्यादा लोग एब्यूज मार्क कर रहे हैं तो वे इन्हें हटा देते हैं।
- यदि किसी व्यक्ति का आईडी हैक हुआ है और हैकर उसकी प्रोफाइल का मिस यूज कर रहा है तो तुरंत ही पुलिस थाना और सायबर सेल के ऑफिस में शिकायत दर्ज करें।
- फेसबुक यूजर प्रायवेसी सेटिंग एनेबल करें ताकि आप अपने प्रायवेट नेटवर्क मजबूत बना सकें ताकि कोई भी अनजान व्यक्ति आपकी वॉल पर पोस्ट न कर पाए और न ही आपने जो पोस्ट किया है वह देख पाए।
- अनवांटेड एप्लीकेशन को क्लिक न करें।
- कोई एप्लीकेशन के माध्यम से आपको लिंक भेज रहा है तो उस एप्लीकेशन को भूल कर एड न करें।
- साइटों पर फ्री में मिलने वाले एंटी-वायरस या फिर सॉफ्टवेयर लोड न करें।
- किसी के खाते में अश्लील फोटो या वीडियो है तो उसे नहीं खोलें।

ये आलेख मेरा नहीं है अंतर्जाल से लिया गया है बस आप लोगो में शेयर करने के लिए , यदि मूल लेखक को इससे आपति हो तो हटा दिया जायेगा... धन्यवाद

16 अक्तूबर 2018

वेब सर्च इंजन क्या है? यह कैसे काम करता है?

Popular Web Search Engine
Popular Web Search Engine


नमस्कार मित्रों, जैसा की सब जानते है की वेब पर किसी भी विषय के बारे में जानना हो तो ब्राउज़र के एड्रेस में लिखते है और सर्च कर लेते है, जो की ब्राउज़र में सेव पहले से ही डिफाल्ट सर्च इंजन हमें परिणाम दिखाता है।

लेकिन वेब सर्च इंजिन क्या है? यह कैसे काम करता है? आईये जाने।

एक वेब सर्च इंजन वह सॉफ्टवेयर है जिसे वर्ल्ड वाइड वेब से सबंधित सूचनाओं को खोजने के लिए बनाया गया है। सर्च रिजल्ट (खोजे गये परिणामों) को सामान्यत: परिणामों की एक सूचि के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, जिसे "सर्च इंजन रिजल्ट पेज" (s.e.r.p.) कहा जाता है। सुचना वेब पेज, छवियों और अन्य कई तरह की फाइलों का मिश्रण हो सकता है। कुछ सर्च इंजन डाटा बेस अथवा ऑपन डायरेक्ट्रीज (Open Directories) से भी डाटा माईन (खोज) करते हैं।

एक सर्च इंजन वास्तविक समय में निम्नलिखित प्रक्रियाओं को सम्भालता है:
1. वेब क्रलिंग/ वेब स्पाइडर
2. इंडेक्सिंग (अनुक्रमण)
3. सर्चिंग (खोजना)

एक वेब क्राउलर वह इंटरनेट बोट (bot) है जो वेब अनुक्रमण (इंडेक्सिंग) के लिए वर्ल्ड वाइड वेब को व्यवस्थित तरीके से ब्राउज करता है। सर्च इंजन वेब क्राउलिंग या स्पाइडर सोफ्टवेयरों का उपयोग अपनी वेब कंटेंट (सामग्री) या दुसरी वेबसाइट के कंटेंट अनुक्रमण को अद्यतन (अपडेट) बनाने के लिए करते हैं। वेब क्राउलर विजिट किये गये सभी पृष्ठों की प्रतिलिपि (कॉपी) तेयार कर प्रस्तुत कर सकता है जिसके डाउनलोड किये गये पेजों को बाद में सर्च इंजन द्वारा अनुक्रमित किया जा सकता है जिसे उपयोगकर्ता (यूजर) और अधिक कुशलता से खोज (सर्च) सकता है।

इंडेक्सिंग अनुक्रमण का अर्थ वेब पेज पर पाए गये सबंधित शब्दों और परिभाषित हो सकने वाले टोकनो को उनके डोमेन-नेम और एच.टी.एम.एल. (HTML) फिल्ड से जोड़ना है।  इनका जोड़ सार्वजनिक डेटा बेस में किया जाता है जो वेब सर्च क्वेरी के लिए उपलब्ध रहता है। यूजर के द्वारा एक शब्द के रूप में भी क्वेरी की जा सकती है। अनुक्रमण (इंडेक्स) सबंधित सूचनाओं को शीघ्र से शीघ्र खोजने में मदद करता है।

आमतौर पर जब कोई यूजर कोई क्वेरी करता है तो वह कुछ शब्दों का समूह होता है। इंडेक्स में निहित तौर पर उन सभी वेबसाईटों के नाम होते हैं जहाँ क्वेरी शब्दों के कीवर्ड होते हैं एवं उन्हें तत्काल या क्षणिक तौर पर इंडेक्स से प्राप्त किया जा सकता है। वास्तविक प्रोसेसिंग लोड इन वेब-पेज (खोजे गये परिणामों) को सूचीबद्ध करने में लगता है।

सर्च इंजन की उपयोगिता परिणामों की प्रासंगिकता पर निर्भर करती है। उसी शब्द /शब्दांशों से सबंधित जानकारी लाखों वेबसाइट पर उपलब्ध होती है लेकिन उनमें से कुछ पेज दूसरों की तुलना में क्वेरी से अधिक प्रासंगिक एवं लोकप्रिय हो सकते हैं। अधिकतर सर्च इंजन परिणामों की रैंकिंग करके सबसे अच्छे परिणामों को सर्च रिजल्ट के रूप में प्रस्तुत करते हैं।

कौनसा पेज सबसे ज्यादा मैच करता है? किस क्रम में परिणामों को दिखाया जाना है? यह सुनिश्चित करने की प्रक्रिया हरेक सर्च इंजन अलग-अलग होती है। शोध के अनुसार, आज सबसे ज्यादा लोकप्रिय सर्च इंजन जिन्हें इंटरनेट समुदायों द्वारा अत्यधिक काम में लिया जा रहा है वो निम्न है:
1. गूगल (Google)
2. बिंग (Bing)
3. याहू (Yahoo)
4. बायडू
5. एओएल (AOL जिसे पहले अमेरिकन ऑनलाइन कहा जाता था)
6. आस्क
7. लाइकोस

गूगल सर्च जिसे सामान्यत: गूगल वेब सर्च या गूगल कहकर संबोधित किया जाता है, गूगल इनकार्पोरेशन का एक वेब सर्च इंजन है। यह वर्ल्ड वाइड वेब पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला सर्च इंजन है, जिसमे हर रोज तीस करोड़ से भी अधिक सर्च किये जाते हैं। गूगल के सर्च-रिजल्ट पेज का ऑर्डर "पेजरैंक" नामक पेटेंटेड प्रायोरिटी रैंक अल्गोरिद्म पर आधारित है।
गूगल सर्च का मुख्य उद्धेश्य वेब सर्वर पर सार्वजानिक रूप से उपलब्ध दस्तावेजों में शब्दों की खोज करना है ना की डेटाबेस में उपलब्ध चित्र या डाटा खोजना। यह मूल रूप से 1997 में लेरी पेज और सर्गेइ ब्रिन द्वारा विकसित किया गया था।

बिंग भी एक वेब सर्च इंजन है जिसे पहले लाइव (Live) सर्च, विंडोज लाइव सर्च एवं एम.एस.एन. (MSN सर्च) के नाम से भी जाना जाता था। इसे "डिसीजन इंजन" के रूप में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विज्ञापित किया गया था। बिंग का अनावरण 28 मई 2009 को माइक्रो सॉफ्ट के सीईओ स्टीव बाल्बर द्वारा किया गया।

अगली बार मिलते है कुछ ऐसी ही जानकारीवर्धक पोस्ट के साथ।

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12 अगस्त 2012

एयरटेल दे रहा है नोकिया आशा पर 500 एमबी 3जी डेटा फ्री

नोकिया ने हाल ही में आशा 306 और 311 स्‍मार्टफोन बाजार में लांच किया है। लेकिन अब नोकिया आपके लिए एयरटेल के साथ मिलकर एक आकर्षक ऑफर लाया है जिसके तहत नोकिया आशा 305, 306 और नोकिया आशा 311 में से कोई भी मॉडल खरीदने पर 3 महिने तक 500 जीबी फ्री मोबाइल डेटा मिलेगा।

26 अक्तूबर 2018

इंटरनेट और इंट्रानेट क्या है? इनमे क्या अंतर है?

 What is internet and intranet? And what's the difference between them?

What is internet and intranet?

नमस्कार मित्रों, हम सभी इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं इंटरनेट किसे कहते हैं? और आपने इंट्रानेट नाम भी सुना होगा, दोनों में अंतर भी बहुत है, आज इन्हीं दो विषयों पर संक्षेप में बताऊंगा।


इंटरनेट:

इंटरनेट सुचना संप्रेषण (Information Communication) का एक वैश्विक कंप्यूटर नेटवर्क (ऐसे कंप्यूटर जो आपस में कनेक्टेड है) है। यह उपयोगकर्ता को सुचना आदान-प्रदान करने का मंच प्रदान करता है। इंटरनेट में संचार के लिए विभिन्न प्रकार के प्रोटोकॉल्स का प्रयोग किया जाता है, जिससे डाटा ट्रांसफर में उद्देश्यपरकता को बनाए रखने में मदद मिलती है। इन कंप्यूटरों में सरकारी, विश्वविद्यालय, कम्पनीज एवं लोगों के व्यक्तिगत कंप्यूटर शामिल है। ज्यादातर इंटरनेट सेवा क्लाइंट/सर्वर मॉडल पर कार्य करती है। जब कोई कंप्यूटर फ़ाइल रिसीव कर रहा होता है तो वह क्लाइंट कहलाता है तथा जब वह फ़ाइल सेंड कर रहा होता है तो वह सर्वर बन जाता है। इंटरनेट पर एक्सेस प्राप्त करने के लिए उस क्षेत्र में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के साथ एकाउंट खोलना होता है।

इंट्रानेट:

इंट्रानेट एक निजी नेटवर्क होता है जो केवल उस संगठन के कर्मचारियों के लिए ही सुलभ होता है। आमतौर पर संगठन के आंतरिक आईटी सिस्टम से जानकारे और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला संगठन के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होती है एवं ये इंटरनेट से आम जनता के लिए उपलब्ध नहीं होता है। एक इंट्रानेट वेबसाइट किसी भी अन्य वेबसाइटों की तरह काम करते हैं, लेकिन एक इंट्रानेट के आसपास के फ़ायरवॉल अनाधिकृत उपयोग को बंद कर देता है।

इंटरनेट बनाम इंट्रानेट:

इंटरनेट वैश्विक (Global) वर्ल्ड वाइड वेब है जबकि इंट्रानेट एक कम्पनी का निजी इंटरनेट है जिसे सिर्फ कम्पनी के अंदर ही इस्तेमाल किया जा सकता है। दोनों TCP/IP Protocol को उपयोग में लेते हैं साथ ही में ई मेल और अन्य वर्ल्ड वाइड वेब मानक इस्तेमाल करते हैं। दोनों में मुख्य फर्क यह है कि इंट्रानेट का यूजर इंटरनेट पर जा सकता है लेकिन सुरक्षा कारणों जैसे कंप्यूटर फ़ायरवॉल के कारण इंटरनेट यूजर इंट्रानेट पर नहीं जा सकता। इंट्रानेट बिना किसी इंटरनेट कनेक्शन के भी चल सकता है। इंटरनेट, अधिक व्यापक एक बड़ी आबादी में फैला है, सभी वेब आधारित सेवाओं के लिए बेहतर पहुंच प्रदान करता है और इस प्रकार, बहुत से उपयोगकर्ता के अनुकूल है। इंट्रानेट अधिक सुरक्षित निजीकृत इंटरनेट का एक संस्करण है।

आशा है आपको उपरोक्त जानकारी अच्छी लगी होगी, और भी ऐसे अच्छे लेख पढने के लिए आते रहें।

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02 सितंबर 2013

अपने किसी भी ऑनलाइन अकाउंट को डिलीट करें।

 
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मित्रों फेसबुक और दुसरी सोशल वेबसाइट पर हम अकाउंट बना तो लेते हैं, लेकिन कई बार अनुपयोगी होने की वजह से हमें उन्हें डिलीट करने की जरुरत होती है। ऐसे में हम वेबसाइट का वो लिंक ढूढने की कोशिश करते है,जिस पर जाकर हम अपने अकाउंट को डिलीट कर सकें। लेकिन ये इतना आसान काम नहीं। अधिकतर वेबसाइट ये नहीं चाहती की उनके यूजर्स संख्या कम हो, इसलिए वह अकाउंट के डिलीट वाले लिंक को इतना छिपा कर रखती है कि यूजर उस पर आसानी से नहीं पहुँच पाते। ऐसे में या तो सर्च करने में ज्यादा वक्त खराब होता है या फिर यूजर अकाउंट डिलीट किये बिना ही उस वेबसाइट को बंद कर देता है।

लेकिन इस समस्या का समाधान है "जस्टडिलीट" यह एक वेबसाइट है जो इंटरनेट कि पोपुलर 125 से भी ज्यादा सेवाओं के अकाउंट को डिलीट करने के लिंक एक साथ आसान इंटरफेस में उपलब्ध कराती है। इस वेबसाइट कि मदद  से किसी भी साईट पर बना अपना अकाउंट कुछ ही पल में डिलीट कर सकते है।

डिलीट करने का तरीका

सबसे पहले आप निम्न लिंक पर जाएँ -
http://justdelete.me
यहाँ आपको लगभग सभी लोकप्रिय वेबसाइट दिखाई देंगी। अपनी मनचाही वेबसाइट को चुनिए और उस पर बने अकाउंट को डिलीट कर दीजिए। यहाँ आसान, मध्यम और मुश्किल या असंभव कैटेगरी दी गयी है। यह अकाउंट को डिलीट करने कि प्रक्रिया के आधार पर तय की गयी है। इससे यह पता लग जाता है की अकाउंट को डिलीट करना कितना आसान है। इस वेबसाइट का गूगल क्रोम एक्सटेंशन भी उपलब्ध है। तो अगली बार कोई अकाउंट डिलीट करना हो तो इसे जरुर आजमाके देखें। धन्यवाद।


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29 अक्तूबर 2018

ट्विटर क्या है? इसके मुख्य फीचर्स क्या है?

About Twitter and its main features.
Twitter

नमस्कार मित्रों! स्वागत है आपका यहाँ। आज जानेंगे ट्विटर और इसके मुख्य फीचर्स के बारे में, वैसे तो twitter को इंटरनेट के sms के रूप में भी जाना जाता है। और लगभग सभी यूजर इसके बारे में जानता है यह लेख नए उपयोगकर्ता के लिए मार्गदर्शन हेतु लिखा गया है। 

ट्विटर एक ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग सर्विस है जो उपयोगकर्ता (User) को 140 करैक्टर के छोटे संदेश भेजने और पढने की सुविधा देता है जिन्हें "tweets" कहा जाता है। पंजीकृत उपयोगकर्ता संदेश को पढ़ एवं प्रेषित कर सकते हैं परन्तु अन्य उपयोगकर्ता सिर्फ संदेश पढ़ सकते हैं। इसे कंप्यूटर एवं मोबाइल, दोनों से संचालित किया जा सकता है। वर्तमान में ट्विटर के दुनियाभर में 25 कार्यालय है और इसकी स्थापना सेन फ्रांसिस्को में हुई थी। ट्विटर मार्च 2006 में बनाया गया था और इसके निर्माता हैं: जैक डोरसे, एवन विलियम्स, ब्रिज टोन, और नूह ग्लास, ट्विटर जुलाई 2006 में लांच किया गया था।

ट्विटर के मुख्य फीचर इस प्रकार है : 

* ट्वीट : यह एक संदेश का टुकड़ा है जो की अधिकतम 140 और कुछ देशों में ये 280 करैक्टर का हो सकता है। शब्दों के बीच खाली जगह और पंक्चुएशन भी 140 करैक्टर में शामिल किये जाते हैं, यानी आप मेसेज लिखते समय जितनी बार स्पेस बटन का इस्तेमाल करेंगे वो भी गिना जायेगा।  यह एक प्रकार की ब्लॉग एंट्री या समझ लीजिए एक छोटे ब्लॉग की तरह है।

* टाइम लाइंस : तारीख के हिसाब से संदेशों का संकलन है टाइम लाइन। पब्लिक टाइम लाइन में हर संदेश का संकलन होता है। जब आप ट्वीट करते हैं तो आप खुद की टाइम लाइन बना लेते हैं जो की आपकी प्रोफाइल देखने वाले हर उपभोक्ता को क्रमबद्ध दिखेगी। टॉप मेन्यु में प्रोफाइल लिंक पर क्लिक करके आप खुद की टाइम लाइन देख सकते हैं। हर उपभोक्ता की एक विशेष टाइम लाइन भी होती है जिसमे हर उस व्यक्ति के ट्वीट होते हैं जिसे उपयोगकर्ता फ़ॉलो कर रहा होता है। यह आपके खुद के न्यूज टिकर की तरह होता है। आप बहुत से लोगों और समूह को फ़ॉलो कर सकते हैं। सिवाय उन संदेशों के जो वह खुद किसी को भेज रहे हैं, आप संदेशों को देख सकते हैं।

* ट्विटर प्रोफाइल : टॉप मेन्यु के सेटिंग लिंक पर क्लिक करके आप अपनी प्रोफाइल एडिट कर सकते हैं। एक बात का ध्यान रखना जरूरी है की आपके अकाउंट सेक्शन की हर चीज पब्लिक को दिखती है। अगर आप अपना वास्तविक नाम नहीं दिखाना चाहते तो अपना नाम बदल सकते हैं। हेड शॉट को आम तौर पर अपनी प्रोफाइल पिक्चर बनाया जाता है।

* फोलोविंग और फोलोवर्स : फोलोविंग ट्वीटर में friending और subscribing के लिए प्रयोग किया जाता है। जब किसी की प्रोफाइल पेज पर विजिट करते हैं तो उसके चित्र के नीचे एक छोटा सा फ़ॉलो बटन होता है। इस बटन पर क्लिक करने से आपके होम टाइम लाइन पर उस व्यक्ति के ट्वीट दिखाई देते हैं। ट्विटर पर फोलोविंग एक तरफा होता है, जब तक कोई अपने अपडेट को गोपनीय नहीं करता, उसे आपकी फोलोविंग रिक्वेस्ट को अप्रूव करने की जरूरत नहीं होती है। अगर फीचर बंद ना किया हो तो उन्हें इस बात का एक ई-मेल मिलेगा की आप उन्हें फ़ॉलो कर रहे हैं। वो भी आपके ट्वीट चेक कर सकते हैं और आप उनके मतलब के संदेश भेजते रहते हैं तो वे भी आपको फ़ॉलो कर सकते हैं।

* क्न्वर्सेशन
+ सीधे संदेश प्राइवेट होते हैं। सिर्फ प्रेषक और पाने वाला ही उन्हें देख सकता है। आप इस प्रकार के संदेश सिर्फ उन लोगों तक भेज सकते हैं जो आपको फ़ॉलो करते हैं। इस प्रकार के संदेश आमतौर पर अच्छे नहीं माने जाते और लोग उन्हें नहीं पढ़ते।
+ जिन ट्वीट में आपको मेंशन किया गया है, यह जानने के लिए ट्विटर के राईट साइड पर @yourname (आपका यूजर नेम) पर क्लिक करें।
+ अपने फोलोवर्स को अपना ट्वीट दिखाने और किसी को विशेष रूप से भेजने के लिए शुरुआत की जगह कहीं भी @username लिख दें।

* री-ट्वीट (RT) : जब कोई दूसरा आपके ट्वीट को उसके खुद के फोलोवर्स को दिखाना चाहता हो, तो इसे करने का सामान्य तरीका है:
RT@OriginalAuthor Content of original tweet [Retweeter's comment]

* हेशटैग : हेशटैग से आप अपने ट्वीट में कुंजी शब्द या श्रेणियां जोड़ सकते हैं। हेशटैग लोगों को एक विषय पर ट्वीट का औसत करने की अनुमति देता है। इसमें हेशटैग का चिन्ह की वर्ड बिना रिक्तस्थान के होता है जैसे #फेसबुक । हेशटैग आजकल स्वचलित ट्विटर खोज के लिंक में बदल जाते हैं। जैसे #फेसबुक टैग पर क्लिक करेंगे तो #फेसबुक हेशटैग की सारी सामग्री आपके सामने आ जाएगी जिनमे ये टैग इस्तेमाल हुआ है। कांफ्रेसं और इन्वेट्स के लिए हेशटैग का काफी प्रयोग होता है। हेशटैग को ढूंढ कर आप कई प्रकार के लाइव इवेंट्स को फ़ॉलो कर सकते हो।  अपने शहर या राज्य में होने वाली घटनाओं की जानकारी रखी जा सकती है, किसी भी विषय को खोजा जा सकता है।

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10 अक्तूबर 2018

क्लाउड स्टोरेज क्या है? और प्रचलित सर्विस कौनसी है?

What Is Cloud Storage
Cloud Storage

नमस्कार मित्रों, स्वागत है आपका अपना अंतर्जाल पर, पिछली पोस्ट में आप जान चुके हैं ब्लॉग क्या है? और इ-कॉमर्स क्या है? आज जानेंगे क्लाउड स्टोरेज के बारे में।

क्लाउड स्टोरेज :

क्लाउड स्टोरेज एक तरीके का सर्विस मॉडल है जहाँ डाटा, यूजर को नेटवर्क के माध्यम से प्रदान किया जाता है और डाटा को रिमोटली ही मैनेज, सार-संभाल और बैकअप लिया जाता है।क्लाउड स्टोरेज, डाटा स्टोरेज का एक मॉडल है, जहाँ डिजिटल डाटा लॉजिकल पूल में स्टोरेज किया जाता है। फिजिकल डाटा वातावरण को एक होस्टिंग कम्पनी सम्भालती है। यह इन कंपनियों की जिम्मेदारी है की फिजिकल वातावरण सुचारू रूप से चलता रहे, डाटा हमेशा उपलब्ध रहे और सुरक्षित रहे। ग्राहक और कम्पनियां अपना डाटा या एप्लीकेशन को स्टोर करने के लिए इस डाटा सर्विस को खरीद सकते हैं।

क्लाउड स्टोरेज को पास में रखे हुए कंप्यूटर, वेब एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) या इस API का इस्तेमाल करने वाली एप्लीकेशन, जैसे की क्लाउड डेस्कटॉप स्टोरेज, क्लाउड स्टोरेज गेटवे या वेब आधारित कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम के द्वारा एक्सेस किया जा सकता है। साधारण भाषा में समझे तो क्लाउड स्टोर अपने लिए ऑनलाइन हार्ड डिस्क की तरह है वहां हम कंप्यूटर की तरह डाटा सेव कर सकते हैं, और जब चाहे जहा चाहे उस 
डाटा को इस्तेमाल कर सकते है, बस आपका इंटरनेट ऑन होना चाहिए।

कुछ प्रचलित क्लाउड स्टोरेज सर्विस :

Cloud Storage Service
Cloud Storage Service

* गूगल ड्राइव - गूगल क्लाउड, स्टोरेज के साथ ऑफिस टूल भी प्रदान करता है। इसमें वर्ड प्रोसेसर, स्प्रेडशीट, प्रजेंटेशन बिल्डर और 15 गीगाबाईट (GB) का स्टोरेज स्पेस मिलता है। अगर आपके पास गूगल अकाउंट है, तो आप आसानी से गूगल ड्राइव का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस 15 गीगाबाईट स्टोरेज में आप डाक्यूमेंट्स, चित्र, फोटोशोप फ़ाइल, पीडीएफ फ़ाइल इत्यादि अपलोड कर सकते हैं।

* माइक्रोसॉफ्ट वन ड्राइव - यह माइक्रोसॉफ्ट का उत्पाद है, जो विंडोज 8 या विंडोज 10 इस्तेमाल करते हैं, उनको वन ड्राइव विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में सम्मिलित मिलता है। हालाँकि इसका मतलब ये नही की विंडोज 7 या विंडोज xp वाले इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते आपको बस माइक्रोसॉफ्ट वन ड्राइव की डेस्कटॉप एप डाउनलोड करनी होगी, एंड्राइड के लिए भी प्ले स्टोर से एप इनस्टॉल करनी होगी अगर विंड़ोज फोन है तो भी 
आप एप इनस्टॉल करके इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

* ड्राप बॉक्स - यह मेरा सबसे पसंदीदा क्लाउड स्टोरेज है क्योंकि इसका इंस्टालेशन आसान है, यह भरोसेमंद है और इस्तेमाल करने में भी एकदम आसान है। इसको इस्तेमाल करने के लिए आप इस पर अपनी id बनाकर इसकी एप डाउनलोड कर लें, आपके कंप्यूटर में इसका एक अलग फोल्डर बन जायेगा, अब जो फाइल आप क्लाउड स्टोरेज में रखना चाहते है वो फाइल उस फोल्डर में कॉपी कर दे और भूल जाएँ, आप अपना कोई भी काम जारी रखें इंटरनेट ऑन होते ही बैकग्राउंड में ये एप चलती रहती है और आपकी फ़ाइल अपलोड होती रहती है। ड्रापबॉक्स में रखी फ़ाइल आप कहीं से भी एक्सेस कर सकते है इसके लिए आपको ड्रापबॉक्स की वेबसाइट पे जाकर लॉग इन (Log in) करना होगा। यह विंडोज, मैक, एंड्राइड और लिनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए उपलब्ध है।

* बॉक्स - ये भी एक चर्चित क्लाउड सर्विस है , बॉक्स पर व्यक्तिगत मुफ्त अकाउंट के लिए कोई भी साइन अप (Sign UP) कर सकता है। इसकी खास बात ये है की जहाँ दुसरे क्लाउड स्टोरेज सिर्फ फ़ाइल स्टोरेज की सुविधा देते हैं वहीं बॉक्स में आप फ़ाइल दुसरे यूजर के साथ शेयर कर सकते हैं, किसी को काम दे सकते हैं और फ़ाइल में हुए बदलाव की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

क्लाउड स्टोरेज में विभिन प्रकार की डिवाइस पर आपका कार्य/फ़ाइल को सिंक्रोनाइज करने की लचीली सुविधा प्रदान करता है। अधिकतर सभी मुख्य क्लाउड स्टोरेज प्लेटफार्म ऑफिस एप्लीकेशन टूल्स को अंतर्निहित इनस्टॉल रखते हैं जिसकी वजह से आप अपनी फाइल्स को कहीं से भी क्रिएट, एडिट,  ड्राफ्ट व पब्लिश कर सकते हैं।

इन सभी क्लाउड स्टोरेज के लिंक नाम में ही है।

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09 अक्तूबर 2018

इ-कॉमर्स क्या है? पुरी जानकारी मिलेगी यहाँ।

What is e-commerce
इ-कॉमर्स 
नमस्कर मित्रों , आज जानेगे इ-कॉमर्स क्या है और इसके प्रकार और उपयोग के बारे में आजकल इ-कॉमर्स का प्रचलन अधिक है तो सोचा क्यों ना इस पर एक पोस्ट हो जाए।

इ-कॉमर्स (इलेक्ट्रोनिक कॉमर्स) :
किसी भी समान को इलेक्ट्रोनिक माध्यम (मुख्य रूप में इंटरनेट) से खरीदा या बेचा जाये उसे इ-कॉमर्स कहते हैं। ऑनलाइन रिटेल बहुत आरामदायक होता है क्योंकि एक तो वह 24 घंटे उपलब्ध रहता है, वैश्विक स्तर पर उपलब्ध होता है और आमतौर पर अच्छी ग्राहक सेवा प्रदान करता है।

ई-कॉमर्स व्यपार में निम्नलिखित विशेषताएं होती है :

* ऑनलाइन शौपिंग साईट, खुदरा बिक्री -सीधे ग्राहक के लिए।
* बेचने वाला ऑनलाइन बाजार (मार्केटप्लेस) में भाग ले सकता है जो की व्यापार ग्राहक, या ग्राहक - ग्राहक बेचने का माध्यम प्रदान करता है।
* व्यापार - व्यापार (Business 2 Business) खरीदना और बेचना। 
* डेमोग्राफी डाटा को एकत्रित करना (सोशल मिडिया और वेब कॉन्टेक्ट्स द्वारा)
* B2B इलेक्ट्रोनिक डाटा एक दुसरे से आदान-प्रदान करना।
* ईमेल और फेक्स के द्वारा क्लाइंट्स और सबंधित ग्राहकों को पाने के लिए मार्केटिंग करना (उदाहरण के लिए - समाचार पत्र)

इ-कॉमर्स के प्रकार :

* प्योर (pure)-क्लिक या प्योर-प्ले संस्थाएं - जिन्होंने बिना किसी पुरानी चल रही संस्था के, बस एक साईट शुरू कर दी है।
* बिक्र-एंड-क्लिक संस्थाएं - वह चल रही संस्था होती है जिसने इ-कॉमर्स के लिए साइट लांच की है।
* क्लीक-टू-बिक्र संस्था - यानी ऑनलाइन विक्रेता जिसने बाद में कुछ जगहों पर दुकान खोली हो।

कई प्रकार की इ-बिक्री हो सकती है, जैसे :

* व्यापार से ग्राहक (Business 2 Consumer) -: कम्पनी सीधे अपना समान उपभोगकर्ता को बेचती है। B2C वेब शॉप्स आमतौर पर सभी विसिटर्स के लिए खुली होती है। उदाहरण है  अमेजोन

* व्यापार से प्यापार (Business 2 Business) -: कम्पनी बिना सीधे ग्राहक को बेचे, सीधे दुसरी कम्पनी को सामान बेचती है। इनके ऑनलाइन साईट पर लॉग इन करना पड़ता है। इस प्रकार की साइट्स पर आमतौर पर ग्राहक के हिसाब से दाम, डिस्काउंट और माल की छंटनी होती है। उदाहरण है अलीबाबा

* ग्राहक से व्यापार (Consumer 2 Business) -: यहाँ ग्राहक अपना सामान ऑनलाइन बेचने के लिए लगा देता है जहाँ कम्पनी बोली लगा सकती है। ग्राहक इन बोलियों को देख सकता है और अपने हिसाब से कम्पनी चुन कर माल बेच सकता है।

* ग्राहक से ग्राहक (Consumer 2 Consumer) -: ग्राहक अपने माल को दुसरे ग्राहक को बेचता है इसका बेहतरीन उदाहरण है ईबाय

* मोबाईल कॉमर्स (mCommerce) -: मोबाइल या पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट (PDA) के द्वारा माल को खरीदने या बेचने को मोबाइल कॉमर्स कहते हैं। अगली पीढ़ी कही जाने वाले इस इ-कॉमर्स में यूजर को इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए किसी प्लग में तार नहीं लगाना पड़ता।

इ-कॉमर्स की सबसे सबसे बड़ी विशेषता है बिना किसी ज्यादा फाइनेंसियल इन्वेस्टमेंट के उसका वैश्विक होना, इस तरह के कॉमर्स के लिए कोई जमीनी बाध्यता नहीं है। ग्राहक वैश्विक तौर पे चुन सकते है, सभी बेचने वालों की तुलना कर सकते हैं बिना उनकी वर्तमान भौगोलिक स्थिति के। सीधे ग्राहक को कम्पनी से मिला देने के गुण से इ-कॉमर्स ने बिचोलियों के लिए कोई काम नहीं छोड़ा है, कुछ जगह है भी तो काफी कम। इस प्रकार कम्पनी और ग्राहक के बीच सीधा तार जुड़ जाता है, जिससे कम्पनी ग्राहक को उसके उत्पाद और सर्विस प्रदान कर सकती है। 

इ-कॉमर्स कम्पनी ग्राहक को बेहतर उत्पाद, बेहतर आफ्टर-सेल्स-सर्विस देती है जो ग्राहक को और करीब ले आता है। इससे प्रतिस्पर्धा भी बढती है। कीमत में आकर्षक कमी, इ-कॉमर्स की एक महत्वपूर्ण विशेषता है, इ-कॉमर्स नए तरीकों से ग्राहकों के पास एक 24 घंटे खुला रहने वाला वर्चुअल स्टोर बन गया है।

इ-कॉमर्स के प्रयोग : सबसे प्रचलित इ-कॉमर्स एप्लीकेशन है:

खुदरा एवं थोक व्यापार : खुदरा और व्यापार में इ-कॉमर्स के कई इस्तेमाल है। इ-रिटेलिंग या ऑनलाइन रिटेल, व्यापार से ग्राहक को माल इलेक्ट्रोनिक कैटेलोग और शौपिंग कार्ट मॉडल के माध्यम से बेचना है। एक साइबर मॉल या इ-मार्केटप्लेस ग्राहक और सेलर को एक वर्चुअल स्पेस में (एक वेब ब्राउज़र के द्वारा)आकर्षित करते हैं।

प्रचार : ग्राहक के व्यवहार, जरूरत और खरीदने के तरीके की जानकारी वेब और इ-कॉमर्स द्वारा जुटाई जा सकती है। यह प्रचार कार्यों जैसे कीमत तय करना, मोल-भाव करना, उत्पाद के फीचर में बदलाव एवं ग्राहक के साथ सम्बन्धों में मदद करता है।

फाइनेस : इस प्रकार की कम्पनिया इ-कॉमर्स का काफी उपयोग करती है। ग्राहक समस्त सेवाएं जैसे खाते का बैलेंस चेक करना, पेमेंट ट्रांसफर करना, अपने बिल जमा करना इ-बैंकिंग या ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से आसानी से कर सकते है। इ-कॉमर्स का एक अन्य उपयोग ऑनलाइन स्टॉक लें-देंन भी है। काफी साइट्स कम्पनियों के प्रोफाइल एवं उसके स्टॉक/शेयर के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाती है।

मेन्युफैक्चरिंग : इ-कॉमर्स किसी कम्पनी के माल ढुलाई के सिस्टम को भी सम्भाल लेता है। कुछ कम्पनिया एक प्रकार का इलेक्ट्रोनिक एक्सचेंज बना लेती है। इसमें सम्मिलित होता है माल का खरीदना-बेचना, व्यापार मार्केटिंग की जानकारी, कार्यालय की जानकारी जैसे इन्वेंटरी कंट्रोल, कच्चा माल एवं तैयार माल की ढुलाई प्रोसेस इस प्रकार से तेज हो जाती है।

बोली (ऑक्शन) : ग्राहक-ग्राहक  इ-कॉमर्स माल के सीधे सीधे ग्राहकों के बीच बेचने को कहते हैं। इसमें इलेक्ट्रोनिक बोली भी शामिल है। बिडिंग एक प्रकार की बोली है जिसमे संभावित ग्राहक माल के लिए ऑनलाइन बोली लगा सकता है।

ऑनलाइन शौपिंग साइट्स :

online shopping
online shopping

आजकल लोगों के पास समय की कमी है और वह अपने काम में अधिक व्यस्त हो गये हैं। किसी अन्य काम के लिए बहुत ही कम समय बचता है और ऐसे में ऑनलाइन शौपिंग ही उनके लिए अच्छा माध्यम बनाता है। स्मार्टफोन के आने से इंटरनेट का उपयोग सरल हो गया है जिससे ऑनलाइन शौपिंग और भी ज्यादा प्रचलित हो गयी है। हिंदुस्तान की कई ऑनलाइन शौपिंग साइट्स इस प्रकार प्रचलित हो गयी है जो ग्राहकों को लुभावने ऑफर देकर आकर्षित करती है।
ऑनलाइन शौपिंग एक तेज, किफायती, आसान और मजेदार अनुभव प्रदान करता है। इसमें खूबियाँ जैसे 24 घंटे शौपिंग, डिस्काउंट कूपन के साथ शौपिंग, घर बैठे शौपिंग, अच्छी गुणवता के उत्पाद इत्यादि।

हिंदुस्तान की प्रमुख ऑनलाइन शौपिंग साइट्स:

online shopping Site
Indian online shopping Site

* फ्लिप्कार्ट.कॉम (अप म्यिन्त्रा के भी मालिक) : 2004 में लगभग 4 लाख रूपये से शुरू, आज 60000 करोड़ रु. का सालाना टर्नओवर, यह एक मार्किटप्लेस है जहाँ किताबों से लेकर इलेक्ट्रोनिक्स, कपड़े, जूते आदि सब कुछ खरीद सकते हैं। यह हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी साईट है।

* अमेजन.इन : यह दुनियाभर में इ-कॉमर्स में अवल्ल है। अब हिंदुस्तान में भी अपने व्यापार को चालू कर दिया है। इस साईट पर सभी प्रकार का सामान किफायती दरों में उपलब्ध है।

* स्नैपडील.कॉम : यह साईट आस पड़ोस के उत्पाद एवं सर्विसेज जैसे मसाज, भ्रमण और रेस्तरा पर बेहतरीन ऑफर देती है। यह साईट अच्छी कीमत और मुफ्त कुरियर सेवा देती है।

* पेटिएम.कॉम : इसकी शुरुआत मोबाइल इ-वॉलेट के द्वारा मोबाइल रिचार्ज, बिल भुगतान आदि से शुरू हुई थी। अब ये साईट एक सम्पूर्ण मार्किटप्लेस की तरह सब कुछ बेच रही है। इसकी कम कीमत, इ-वॉलेट के बेहतरीन उपयोग के कारण इस साईट ने बहुत ही कम समय में शीर्ष दस साइट्स में अपनी जगह बना रखी है ।

* जबोंग.कॉम : यह एक फैशन स्टोर है जो की हर आइटम पर अच्छा डिस्काउंट प्रदान करवाता है। कपड़ों और घर की साज-सज्जा के सामान का बेहतरीन संग्रह इस साईट पे मिलता है।

मित्रों ये थी इ-कॉमर्स से जुडी जानकारी, सभी शौपिंग साइट्स के लिंक नाम में ही है, अगले लेख में बताऊंगा क्लाउड स्टोरेज के बारे में।


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28 दिसंबर 2013

सन 2013 की 5 लोकप्रिय स्मार्टफोन एप्स।

नमस्कार मित्रों, क्या आप जानते हैं मोबाइल की दुनिया में  साल 2013 स्मार्टफोन एप्स के नाम रहा। यूजर्स ने कई यूटिलिटी, गेम्स और सोशल नेटवर्किंग से जुड़े एप को डाउनलोड किया। इस साल साल यूजर्स में कौन-कौनसी एप लोकप्रिय हुयी यही बताने की कोशिश कर रहा हूँ। आईये डालते हैं एक नजर ...

1. बीबीएम



 
बीबीएम

31 अक्तूबर 2018

जाने लिंक्ड इन के बारे में।

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लिंक्डइन 
नमस्कार मित्रों, आपका स्वागत है यहाँ। लिंक्ड इन के बारे में अधिकतर लोग नही जानते की आखिर ये क्या है, क्योंकि लोगों को फेसबुक से ही फुर्सत नहीं, आज जानेंगे इस छोटे से लेख में लिंक्ड इन के बारे में। 

लिंक्ड इन एक व्यवसाय उन्मुख सामाजिक नेटवर्किंग वेबसाइट है, जिसे दिसम्बर 2002 को शुरू किया गया। मुख्य रूप से यह पेशेवर नेटवर्किंग के उद्देश्य से बनायी गयी है। 2015 तक इस साईट का सम्पूर्ण राजस्व नियोक्ताओं एवं बिक्री पेशेवरों को जानकारी बेचने से प्राप्त होता है। इसके उपयोगकर्ता पेशेवर प्रोफाइल तैयार करते हैं जिससे दुसरी साईट के सदस्य उनके व्यापार पृष्ठ भूमि, कार्यविशेषता समूह, या संगठन के बारे में जानकारी प्राप्त कर सके। एक बार उपयोगकर्ता अपनी प्रोफाइल बनाने के बाद दुसरे उपयोगकर्ता को भी अपने नेटवर्क में जोड़ सकता है।

प्रोफाइल में स्टेट्स की सुविधा उपलब्ध होती है जिसके द्वारा उपयोगकर्ता के नेटवर्क से जुड़े लोग यह जान सकते हैं की उपयोगकर्ता किस विषय पर कार्य कर रहा है तथा कब यात्रा कर रहा होगा तथा जरूरत अनुसार सुझाव देना शामिल होते हैं। इसमें उनके लिए भी सुविधा होती है जो इसके सदस्य नहीं है वह प्रोफाइल के हिस्से को देखने की स्वीकृति भी प्रदान कर सकता है।

इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं है :

* सम्पर्क में रखे : जो व्यक्ति बार-बार नौकरी बदलते हैं, लिंक्ड इन ऐसे उपयोगकर्ताओं को उन पेशेवर नेटवर्क से सम्पर्क में रहने तथा उनके कार्यों को अपडेट देने तथा सम्पर्क सूत्रों को प्रदान करता है।

* मदद लेना : उपयोगकर्ता के नेटवर्क जब किसी व्यापारिक समस्या का हल नहीं निकाल सकते, तब लिंक्ड इन का टूल "आंसर एंड ग्रुप्स" उपयोगकर्ता को विश्वास पात्र एक्सपर्ट से मिलाता है।

* नौकरी ढूँढना : लिंक्ड इन उपयोगकर्ताओं को हजारों नौकरियों की जानकारी देना एवं उनके लिए एप्लीकेशन फॉर्म उपलब्ध करवाने का कार्य करता है। यह एप्लीकेशन और यूजर की प्रोफाइल सीधे नियोक्ता तक पहुंच जाती है।

* नए स्टाफ का अपॉइंटमेंट : कम्पनी के मनेजर लिंक्ड इन पर जाकर अपने कम्पनी के लिए सही कैंडीडेट चुन सकते हैं जिनके पास तयशुदा स्किल एवं एक्सपीरियंस हो। 

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21 सितंबर 2018

एंड्राइड के लिए कुछ खास एप्स



नमस्कार दोस्तों, आपका स्वागत अपना अंतर्जाल पे। आज मैं आपके लिए लेके आया हूँ एंड्राइड स्मार्टफोन के लिए कुछ उपयोगी एप्स। आगे बढने से पहले कुछ कहना चाहूँगा की आप इस ब्लॉग को बुकमार्क कर लें। और अपने मित्रों को भी ये ब्लॉग शेयर करें। हिंदी में अभी तक अंतर्जाल पर तकनीकी के बहुत ही कम वेबसाइट और ब्लॉग है, इसलिए ये आप और आपके मित्रों के लिए बहुत काम का ब्लॉग साबित हो सकता है। रोज यहाँ आएँ कुछ ना कुछ आपके काम का ही मिलेगा।

अब बात करते है एंड्राइड की 5 उपयोगी एप्स के बारे में:-


Signature Lock Screen
1. सिग्नेचर लॉक स्क्रीन : यूँ तो आपके एंड्राइड स्मार्टफोन के लिए प्ले स्टोर पर बहुत सी लॉक एप्स मिल जाएँगी लेकिन सिग्नेचर लॉक एप्स अपने आप में खास है, इसमें आप अलग-अलग लेटरशेप, नम्बर्स या अपने सिग्नेचर से ही लॉक कर सकते हैं। इससे अपने फोन में अलग लॉक पैटर्न का भी उपयोग कर सकते हैं। ज्यादा अच्छा तो ये रहेगा आप अपने सिग्नेचर से ही लॉक करें ताकि लॉक कोई और खोल ही ना सके, ये बिलकुल वैसा ही होगा जैसे आजकल बहुत से स्मार्टफोन में फिंगरप्रिंट सेंसर वाले लॉक आते है जो यूजर के अलावा कोई नहीं खोल सकता। ये एप डाउनलोड करने के लिए प्ले स्टोर पे जाएँ या फिर यहाँ क्लिक करें।


Where is my Train
2. वेयर इज माई ट्रेन : ज्यादा घुमने फिरने वाले शौकीनों के लिए ये एप बहुत ही उपयोगी है। इसमें ट्रेन के बारे में ऑफलाइन जानकारी मिलती है। बाकि पीएनआर की जानकारी और सीट की जानकारी के लिए ऑनलाइन होना पड़ेगा। और इसमें आप जहाँ जाना चाहते हैं, वहां के लिए अलार्म भी लगा सकते हैं। ये एप डाउनलोड करने के लिए प्ले स्टोर पे जाएँ या फिर यहाँ क्लिक करें।


NoxCleaner
3. नॉक्स क्लीनर : इस एप के जरिए आप अपने एंड्राइड स्मार्टफोन की मेमोरी को सुधार सकते हैं। यह फोन की कैश मेमोरी जंक फाइल्स को हटाकर फोन को गतिशील बनाता है। और इस एप की सबसे बड़ी खास बात ये है की ये पुराने फोटोज चुनता है और जो डुप्लीकेट है केवल वही दिखाता है, जिन्हें आसानी से हटा सकते हैं। बाकि आपको एप इनस्टॉल करने पर इसकी खासियत अपने आप मालूम हो जाएगी। ये एप डाउनलोड करने के लिए प्ले स्टोर पे जाएँ या फिर यहाँ क्लिक करें।


inFact - News, Facts and more
4. इन्फैक्ट : यह एप अपने आप में अनोखी है, इस एप के जरिये आप किसी भी फैक्ट के बारे में जानकारी ले सकते हैं। जिस टॉपिक के बारे में आप जानना चाहे उसके बारे में जानकारी ले सकते हैं। और देश-दुनियां में और आस-पास क्या हो रहा है इसकी जानकारी भी ले सकते हैं। ये एप डाउनलोड करने के लिए प्ले स्टोर पे जाएँ या फिर यहाँ क्लिक करें।

PixLocate
5. पिक्सलोकेट : आजकल फोटो लेना तो आम बात है, यह एप फोटो की लोकेशन दर्शाती है,  आपके स्मार्टफोन गैलरी में जितने भी फोटो हैं उसकी लोकेशन पता चलती है। और अमुक जगह कितनी फोटो आपने ली ये जानकारी भी ये एप देती है। इससे आप फोटो भी शेयर कर सकते हैं। ये एप प्ले स्टोर पर नहीं है,  डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

तो मित्रों आज के लिए बस इतना ही मिलते हैं अगली पोस्ट में एक नए विषय के साथ।


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21 फ़रवरी 2014

क्लाउड कम्यूटिंग


 क्लाउड कम्यूटिंग
 क्लाउड कम्यूटिंग
मित्रों आजकल कंप्यूटर के क्षेत्र में 'क्लाउड कम्यूटिंग' का प्रयोग अत्यधिक सुनने में आता है। 'क्लाउड कम्प्यूटिंग' वास्तव में इन्टरनेट आधारित और कम्प्युटर एप्लीकेशन का प्रयोग है। 'गूगल एप्स' इसका एक उदाहरण है जो कई प्रकार की सेवाएं अर्थात बिजनेस एप्लीकेशन ऑनलाइन उपलब्ध कराता है। इन्टरनेट का प्रयोग कर इस तक पहुंचा जा सकता है। इन्टरनेट पर सर्वरों में जानकारियां (अनुप्रयोग,वैबी पैजिस, प्रोग्राम इत्यादि सभी) सदा सर्वर के लिए भंडारित रहती है और ये उपयोक्ता के डेस्कटॉप, नोटबुक, गेमिंग कंसोल इत्यादि पर आवश्यकतानुसार इंटरनेट द्वारा अस्थायी रूप से प्रयुक्त की जाती है। सरल शब्दों में इन्टरनेट के माध्यम से कम्प्युटर से सबंधित सभी काम ऑनलाइन करने को ही क्लाउड कम्प्यूटिंग कहा जाता है अर्थात वैब सेवा प्रदान करने वालों के सर्वरों पर आप अपने सभी कार्य निपटा सकते हैं। आप वर्ड फ़ाइल, फोटो से लेकर वीडियो आदि अपना सारा डाटा इन सर्वरों में ही सेव कर सकते है। अब डाटा स्टोर करने के लिए हार्ड डिस्क या मैमोरी कार्ड की चिंता नहीं होगी।

इन्टरनेट वास्तव में विश्वभर के एक साथ जुड़े कम्प्यूटरों तथा सर्वरों का एक विशाल तन्त्र है जिनमें सम्पर्क स्थापित करने के लिए एक जैसी तकनीक का प्रयोग किया जाता है। कम्प्यूटरों तथा सर्वरों के इस जाल में प्रयोग होने वाली सारी जानकारी तथा इसकी विश्वभर में पहुँच को ही 'क्लाउड कम्प्यूटिंग' कहा जाने लगा।

वैब सर्च इंजिन हो या अन्य साईट, सभी क्लाउड कम्प्यूटिंग के माध्यम से ही यूजर तक पहुँचती है। क्लाउड कम्प्यूटिंग के माध्यम से ही विश्वभर की खबर कुछ ही समय में अद्यतन हो जाती है। जब आप इंटनेट पर कुछ भी सर्च करते है तो ये मांग भी क्लाउड कम्प्यूटिंग के माध्यम से हि पूरी होती है। सवाल सीधे सर्वरों पर पहुँचता है। ढेरों सर्वर आपस में जुड़े होने के कारण सूचनाओं का आदान-प्रदान पलों में हि हो जाता है। सरंक्षित डाटा में से उतर तलाश कर सबसे पहले सर्वर वेबसाईट का प्रारूप तेयार करते है और इन्हें एक पेज के रूप में फोर्मेट करते हैं तथा इस पेज को आपके पास भेज देते है। यह प्रक्रिया एक सेकेण्ड से भी कम समय में पूरी हो जाती है।

सोसल नेटवर्किंग साइट्स ट्विटर और फेसबुक इत्यादि भी क्लाउड कम्प्यूटिंग के आधार पर ही सेवा प्रदान करती है। फ़ाइल शेयरिंग से जुड़े कार्य भी क्लाउड कम्प्यूटिंग के अंतर्गत आते है।    
   
आज बस इतना ही अगली बार कुछ खास लेकर पेश होऊंगा धन्यवाद।   

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09 मार्च 2013

ऐसे ओर्गेनाइज़ होगा आपका ई-मेल इनबॉक्स

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जीमेल और कुछ दुसरी मेल सेवाएं आपको 'प्रायरिटी इनबॉक्स' की सुविधा तो देती है, लेकिन इनके लिए सेट्टिंग को समझ पाना आप यूजर के लिए थोडा मुश्किल है। यही वजह है की ज्यादातर यूजर्स अपने इनबॉक्स की मेल्स को सोर्ट करने के लिए इस सुविधा का इस्तेमाल नहीं करते।

इन्टरनेट पर ऐसी कई साइट्स भी मौजूद है, जो आपके  लिए ई-मेल को सोर्ट करने और उन्हें श्रेणी के हिसाब से अलग-अलग फोल्डर में सेव करने का काम आसानी से करती है। ऐसी साइट्स एक बार मेल अकाउंट का एक्सेस लेने के बाद उन्हें श्रेणीबद्ध रूप में बाँट देती है, 'अदरइनबॉक्स' वेबसाइट भी ओर्गेनाइज़र टूल की मदद से इनबॉक्स को ओर्गेनाइज़ कर देती है।


आपको देना होगा ई-मेल का एक्सेस

यह सुविधा एओएल, जीमेल, याहू और आइक्लाउड जैसे अकाउंट के लिए उपलब्ध है। इसके लिए सबसे पहले आपको निम्न वेब पते पर जाना होगा -:
http://otherinbox.com/organizer/
इसके बाद आप उस मेल विकल्प को चुनिए जिसे आप ओर्गेनाइज़ करना चाहते हैं, ई-मेल लोगिन करने के बाद या आपके इनबॉक्स की मेल्स को अलग-अलग डिफाल्ट फ़ोल्डर्स में सेव करना शुरू करता है। वेबसाइट न्यूज़लेटर भी भेजती है, ताकि पता चल सके की इसने आपकी मेल किस तरह सोर्ट की है।

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23 अक्तूबर 2018

गूगल मैप्स की ये ट्रिक आप जरुर आजमाना चाहेंगे।

Learn how to use Google map properly.
how to use Google map

नमस्कार मित्रों, स्वागत है आपका अपना-अंतर्जाल पे। दोस्तों आज के समय गूगल मैप्स (Google Map) का नाम सभी ने सुना है , और लगभग इस्तेमाल भी करते होंगे अलग-अलग काम के लिए। अपनी शुरुआत से लेकर अब तक गूगल मैप कई बदलावों से गुजरा है। इस दौरान इसके एप में समय-समय पर सैटेलाईट इमेजरी , इन्ट्रेस्ट के हजारों पॉइंट्स , स्ट्रीट व्यू, टर्न बाय टर्न नैविगेशन, ट्रैफिक कंडिशन, पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन जैसे कई फीचर्स जोड़े गए। आज 1 बिलियन से भी ज्यादा एक्टिव यूजर के साथ यह दुनिया का सबसे लोकप्रिय नैविगेशन सॉफ्टवेयर बन चूका है। अगर आप भी गूगल मैप्स का इस्तेमाल करते हैं तो इसके फीचर्स के बारे में जानकर आप अपने नैविगेशन को और भी बेहतर बना सकते हैं।

* घर और ऑफिस का पता (address) सेव करें : गूगल मैप्स में उपर बाएं कोने में मेन्यु बटन पर क्लिक करके योर प्लेसेज पर टैप करेंगे तो होम और वर्क की एंट्रीज नजर आएगी। अब आपको इन जगहों पर जाने के लिए नैविगेट करने के लिए बार-बार एड्रेस डालने की जरूरत नहीं होगी। आप रेस्टोरेंट नियर वर्क जैसी सर्च इंटर करके गूगल के सजेशन की लिस्ट प्राप्त कर सकते हैं।

* बस और ट्रेन का समय चेक करें : सर्च बार में अपनी लोकेशन इंटर करें फिर डायरेक्शन और उसके बाद टॉप पर बने ट्रेन के आइकॉन को टैप करें। यहाँ आपको करंट टाइम पर आधारित ट्रेनों की लिस्ट दिखाई देगी। अगर आप इसके बाद वाली ट्रेन या आख़री ट्रेन का समय देखना चाहते हैं तो डिपार्ट के ऑप्शन पर टैप करें और समय वहां इंटर करें या लास्ट पर टैप करके लेटेस्ट ऑप्शन की जानकारी प्राप्त करें।

* अलग-अलग लोकेशन मैप : अगर आपको एक के बाद एक कई लोकेशन पर जाना है तो गूगल मैप की मदद से आप एक ऐसा रुट तैयार कर सकते हैं, जो अलग-अलग लोकेशन से होकर गुजरता हो। इसके लिए आप अपनी पहली लोकेशन के लिए डायरेक्शन को सेट करें और फिर दायें और टॉप पर बने तीन डॉट्स पर क्लिक करें और एड स्टॉप को चुनें। आप जितने चाहें स्टॉप चुनें और फिर फिनिस्ड पर टैप कर दें। अब गूगल आपको हर लोकेशन के लिए गाइड करेगा।

* मैप्स को ऑफलाइन कैसे देखें : ऑफलाइन रहकर आप टर्न बाय टर्न या लोकेशन सर्च तो नही सर्च कर सकते हैं, लेकिन थोड़ी प्लानिंग के साथ मैप्स को डाउनलोड करके उन्हें ऑफलाइन देख सकते हैं। यानी आपको मुंबई जाना है तो आप मैप में मुंबई सर्च करें और बौटम में बनी बार में मुंबई में टैप करेंगे तो आपको डाउनलोड का बटन दिखेगा। अब चूँकि मुंबई बहुत बड़ा शहर है तो आपको एक एरिया चुनने के लिए कहा जायेगा। इसके बाद आप वो एरिया चुनकर मैप को नाम देकर सेव कर सकते हैं। ये सेव्ड मैप्स आपको मन्यु में मिलेंगे और 30 दिन बाद एक्सपायर हो जाएँगे।

* कार का पार्किंग एरिया याद रखने के लिए गूगल मैप पर बने ब्लू डॉट पर टैप करें। यहाँ मेन्यु में सेट एज पार्किंग लोकेशन सिलेक्ट करें। वापस लौटते समय यह आपको कार तक पहुँचा देगा।

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05 जनवरी 2013

कीजिये अपने कंप्यूटर BIOS को पासवर्ड प्रोटेक्ट




१. यदि अपने अपना कंप्यूटर स्टार्ट किया हुआ है तो, सबसे अपने कंप्यूटर को reboot कीजिये. जैसे ही आपका स्क्रीन ऑन हो DEL की प्रेस कीजिये..
२. आपका कंप्यूटर, BIOS सेटअप में प्रवेश कर जायेगा. पेज के ऊपर में 6 आप्शन होंगे उसमे एक होगा - SECURITY
३. आप उस SECURITY आप्शन को सेलेक्ट कर लीजिये,  अब आपका पेज एक इमेज की तरह आएगा. जहा दो आप्शन होंगे..
४. अब यूजर पासवर्ड (USER PASSWORD) को सेलेक्ट कर लीजिये. अब एक पासवर्ड बनाइये जो exact "8" डिजिट का होना चाहिए, ज्यादातर BIOS पासवर्ड 8 डिजिट के ही होते है, ये पासवर्ड आपको किसी हाल में भूलना नहीं चाहिए..
५. अब वो पासवर्ड यहाँ इंटर कीजिये. सिस्टम फिर आपसे कन्फर्म पासवर्ड बोलेगा..
६. अब आप F10 की दबा कर सेव और एक्सिट कर जाइये. और सिस्टम को रिबूट होने दीजिये..
७. इस तरह हो गया आपका BIOS पासवर्ड प्रोटेक्टेड.

नोट: १. यदि आप अपना BIOS पासवर्ड भूल जाते है तो अपना motherboard manual पढ़िए, या फिर BIOS manufacturer के वेबसाइट पर जाइये...
२. अधिकतर BIOS में इंटर करने के लिए DEL की प्रेस करते है, लेकिन आजकल के system के BIOS में जाने के लिए F2 या F10 प्रेस करते है..
   पता करने के लिए "motherboard manual " पढ़िए...

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12 अक्तूबर 2018

वेबसाइट क्या है? इसके कितने प्रकार है?

What is a website? How many types are it?
Website

नमस्कार मित्रों, स्वागत है आपका , पिछली पोस्ट में आपने पढ़ा ब्लॉग क्या है? इ-कॉमर्स क्या है? क्लाउड स्टोरेज क्या है? यूआरएल क्या है? यदि आपने नही पढ़ा तो यहाँ क्लिक करे सभी पोस्ट एक ही जगह मिल जाएगी, आज आपको बताऊंगा वेबसाइट और उसके प्रकार के बारे में।

वेबसाइट क्या है?


एक वेबसाइट, वर्ल्ड वाइड वेब (www) फाइलों का एक सबंधित संग्रह है, जिसमे साथ में एक पेज भी होता है जिसे होमपेज कहते हैं। एक होमपेज वो पेज होता है जो किसी भी वेबसाइट को एक्सेस करने पर सबसे पहले खुलता है। प्राय: कोई भी कम्पनी या एक व्यक्ति जिसकी वेबसाइट होती है वो आपको अपनी वेबसाइट के होमपेज का पता (एड्रेस) देता है क्योंकि होम पेज के द्वारा आप पूरी वेबसाइट को नेविगेट कर सकते हैं और किसी भी पेज पर पहुंच सकते हो।

वेबसाइट से कई कार्य किये जा सकते हैं, वेबसाइट किसी की निजी वेबसाइट भी हो सकती है या फिर एक वाणिज्यिक वेबसाइट हो सकती है, एक सरकारी वेबसाइट या एक गैर-लाभकारी संगठन वेबसाइट हो सकती है। वेबसाइट एक व्यक्ति, एक व्यापार या अन्य संगठन का काम हो सकता है, और आमतौर पर एक वेबसाइट एक विशेष विषय या उद्देश्य के लिए समर्पित होती है। किसी भी वेबसाइट पर किसी अन्य वेबसाइट के लिए एक हाइपरलिंक शामिल कर सकते हैं।

वेब पेजेज को अलग-अलग आकार की कंप्यूटर आधारित एवं इंटरनेट सक्षम डिवाइस के द्वारा देखा या एक्सेस किया जा सकता है, जैसे डेस्कटॉप कंप्यूटर, लैपटॉप, पीडीए एवं मोबाइल फोन्स। एक वेबसाइट एक कंप्यूटर सिस्टम पर होस्ट किया जाता है जिसे वेब सर्वर कहते हैं, जिसे एचटीटीपी (HTTP) सर्वर भी कहा जाता है। HTTP के बारे में जानने के लिए ब्लॉग की पिछली पोस्ट पर जाएँ या यहाँ क्लिक करें।

वेबसाइट के प्रकार :

वेबसाइटों को व्यापक श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है।

स्थिर (Static) : स्टेटिक साइटों की इन्फोर्मेशन स्थिर होती है एवं यूजर के संवाद (इंटरेक्शन) की अनुमति नहीं डी जाती है।

गतिशील (Dynamic) : डायनामिक साईट वेब 2.0 का हिस्सा है, और इस साईट के मालिक और साइट आगंतुकों के बीच संवाद के लिए अनुमति देते हैं। उदाहरण के लिए ब्लॉग डायनामिक वेबसाइट का रूप है।

आजकल अधिकांश कॉर्पोरेट वेबसाइट डायनामिक होती है जो बेहतर ग्राहक संवाद और उपभोक्ता व्यवहार की सटीक ट्रेकिंग में मदद करती है। 

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30 सितंबर 2013

पावर कैम एप - फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए

 
power cam


आज अमूमन हर व्यक्ति के पास स्मार्टफोन है और फोटोग्राफी का शौक भी लगभग हर व्यक्ति को है, लेकिन यदि आप चाहते है की आपकी फोटो कुछ अलग तरीके से ली जाये या कुछ इफेक्ट्स डालें जाएँ तो हर स्मार्टफोन यूजर को 'पावरकैम' एप का इस्तेमाल करना चाहिए। यह आईओएस (ios) और एंड्रॉयड के लिए बिलकुल मुफ्त है। इस एप में 60 आकर्षक इफेक्ट्स है। इन इफेक्ट्स की मदद से आप आसानी से फोटो को शानदार बना सकते हैं। यह फोटो क्लिक करने से इफेक्ट का लाइव प्रिव्यू दिखाता है। इस एप की मदद से आप फोटो को मल्टीपल सोशल नेटवर्क पर शेयर भी कर सकते हैं।
 

आईओएस के लिए एप यहाँ से डाउनलोड करें। और

एंड्रॉयड के लिए एप यहाँ से डाउनलोड करें या फिर अपने मोब में दिए प्ले स्टोर में पावर कैम एप को सर्च कर डाउनलोड करें।


आज बस इतना ही धन्यवाद, मिलते है अगली बार कुछ खास पोस्ट के साथ।

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19 सितंबर 2018

बेहतर ब्राउजिंग के लिए यूनिक एंड्राइड ब्राउज़र


नमस्कार मित्रों, स्वागत है आपका अपना अंतर्जाल पे। आजकल लगभग सभी के पास एंड्राइड स्मार्टफोन तो है ही, और आपके स्मार्टफोन का ब्राउज़र एक ऐसा एप है जो अधिकतर इस्तेमाल होता है।

लेकिन  क्या आपने कभी इसे बदलने का सोचा है?

यदि नहीं,  तो अब जरा सोचें क्योंकि गूगल प्ले स्टोर पर ऐसे कई ब्राउज़र हैं जो आपकी हर जरूरत को पूरा कर सकते हैं, जैसे एक सरल इंटरफेस या प्राइवेसी की आपको जरूरत है तो आप अपनी जरूरत के हिसाब से इन ब्राउज़र मेसे किसी एक को आजमा सकते हैं। जानिए ऐसे ही कुछ अच्छे ब्राउजर्स के बारे में जो सभी अपने आप में अलग-अलग अनुभव देते हैं।

1. ओपेरा टच -: यदि आप आरामदायक वेब ब्राउजिंग चाहते है, तो ओपेरा टच आपके लिए ही बना है। बड़ी स्क्रीन वाले फोन पर एक अच्छा विकल्प है। ओपेरा टच में दुसरे ब्राउज़र की तरह नीचे कोई विकल्प की लाइन नहीं मिलेगी बल्कि फ़ास्ट एक्शन बटन मिलता है जो सिंगल जेस्चर बेस्ड फ्लोटिंग बटन है। इस बटन से आप अलग-अलग दिशाओं में दुसरे टैब पर स्विच करने तथा रीलोड व सर्चिंग जैसे सभी महत्वपूर्ण काम पुरे कर सकते हैं। साथ ही साथ इस ब्राउज़र में कई स्मार्ट टूल भी हैं, इसमें से एक माय फ्लो जो आपको अपने डेस्कटॉप और फोन में मौजूद ओपेरा के बीच कंटेंट को सरल तरीके से शेयर करने की सुविधा देता है। और भी बहुत कुछ है जो आपको ब्राउजिंग का नया अनुभव देगा।
Opera Touch


2. इकोसिया ब्राउज़र -: इस ब्राउज़र का नाम शायद बहुत से यूजर ने सुना भी ना होगा! इकोसिया ब्राउज़र क्रोमियम पर आधरित एक सामान्य ब्राउज़र है। लेकिन फिर भी इसकी कुछ खासियत ऐसी है जो इसको दुसरे ब्राउजर्स से अलग बनाता है। इसे एक नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन ने बनाया है, यह कस्टम सर्च इंजन के साथ आता है। इस पर होने वाली हर सर्च से मिलने वाला एड रेवन्यू पौधारोपण प्रोग्राम के लिए इस्तेमाल होता है। अगर आप एक साधारण ब्राउज़र के साथ रह सकते है तो आप इसे आजमा सकते हैं, और इस सोशल कॉज का हिस्सा भी बन सकते हैं, अब तक करीब 7 मिलियन यूजर्स की मदद से इकोसिया 36 मिलियन पौधे उगा चूका है। इकोसिया के बाकि फीचर्स गूगल क्रोम से ही मिलते जुलते हैं।
Ecosia 

3. मोजिला फायरफॉक्स फोकस -: नाम ही काफी है, डेस्कटॉप पे भी बहुत सुविधा देता है मोजिला फायरफॉक्स, तो एंड्राइड के लिए भी इससे कुछ अपेक्षा की ही जा सकती है। यूँ तो मोज़िला फायरफॉक्स के कई वर्जन पहले से ही प्ले स्टोर पर उपलब्ध है लेकिन एक नया ब्राउज़र मोजिला फायरफॉक्स फोकस, एंड्राइड के लिए बनाया है इस ब्राउज़र में आपकी डिजिटल प्रजेंस को सुरक्षित करने के लिए बनाया गया है। इसमें आपकी ब्राउज़िंग हिस्ट्री, टैब्स या ज्यादा देखी गई वेबसाइट की कोई ही लिस्ट नहीं मिलेगी। यह आपको कई टूल्स ऑफर करता है जो आपको वेबसाइट छोड़ने के बाद ट्रेक्स को कवर करने की सुविधा देता है। इसके लिए वह उन ट्रेकर्स और कुकीज को रोक देता जो आपकी ब्राउज़िंग पर नजर रखते हैं। और सबसे बड़ी खास बात ये है की आपके वेबसाइट बंद करते ही पूरी ब्राउज़िंग हिस्ट्री की डिटेल अपने आप हटा देता है, और सबसे अच्छी बाद बैकग्राउंड प्लगिन को रोक कर आपको फ़ास्ट ब्राउज़िंग का अनुभव देता है।
Firefox Focus
आपको जो भी ब्राउज़र अच्छा लगे वो इंस्टाल कर सकते हैं, डाउनलोड लिंक नाम में ही है।
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