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क्‍वेरी प्रोफाइल की प्रासंगिकता द्वारा क्रमित पोस्‍ट दिखाए जा रहे हैं. तारीख द्वारा क्रमित करें सभी पोस्‍ट दिखाएं
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25 फ़रवरी 2014

समयावधि पूरी होने के बाद भी बदलें अपना फेसबुक प्रोफाइल नेम।


Change-Facebook-Profile-Name Add caption


नमस्कार मित्रों,
बहुत से फेसबुक यूजर को ये समस्या रहती है की वो अपना प्रोफाइल नेम बदलना चाहते है लेकिन बदल नहीं पाते,क्योंकि फेसबुक के नियम और शर्तों अनुसार आपके प्रोफाइल नेम को बदलने की अनुमति सिर्फ 5 बार मिलती है। और कई बार ऐसा होता है की आपने नई आईडी बनाई और अपना प्रोफाइल नेम किसी स्पेशल करेक्टर में लिख दिया तो वो नाम आपका स्थाई रह जाता है क्योंकि ऐसे नाम फेसबुक की शर्तों के अनुसार फेक होते हैं। अब आपका नाम बदलने में परेशानी हो रही है तो उपरोक्त कारणों में से एक कारण हो सकता है।

वैसे फेसबुक में हर चीज की एक लिमिट है जैसे -: यूजर नेम आप 1 बार ही बदल सकते हैं चांहे वो ग्रुप का यूजर नेम हो या पेज का यूजर नेम हो। 200 लाइक होने के बाद आप पेज का नाम नहीं बदल सकते। ऐसा कुछ फेसबुक के नियम और शर्तों में लिखा हुआ है।

चलो छोड़ो यार इस बात को, हम मुख्य बिंदु पर आते हैं,कि फेसबुक प्रोफाइल नेम को लिमिट पूरी होने के बाद भी कैसे बदला जाए। तो इसके लिए आपको यहाँ क्लिक करना होगा, इसके बाद जो पेज खुलेगा उसमें एक फॉर्म होगा। उस फॉर्म को भरें अपनी सारी जानकारी सही लिखें और फोटो वेरिफिकेशन के लिए सरकार द्वारा जारी प्रमाण कोई भी प्रमाण पत्र स्केन करके अपलोड करें, अपलोड समाप्त होने के बाद, अंत में "send" बटन पर क्लिक करें। आपकी रिक्वेस्ट फेसबुक को पहुँच जायेगी 4 या 5 दिन में आपका नाम बदल जायेगा।

जरूरी बात -: अपने प्रोफाइल नाम बदलने की रिक्वेस्ट सेंड करने से पहले कृपया अपनी प्रोफाइल फोटो रियल अवश्य लगा ले ये आपके नाम को जल्दी बदलने में सहायक रहेगी।

फेसबुक से सबंधित अन्य टिप्स और ट्रिक पढ़ने के लिए यहाँ क्लीक करें अभी। यदि आपको ये पोस्ट अच्छी लगी तो आज इसे फेसबुक पे शेयर कर दो,कई लोगो का भला हो जायेगा। धन्यवाद।


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29 अक्तूबर 2018

ट्विटर क्या है? इसके मुख्य फीचर्स क्या है?

About Twitter and its main features.
Twitter

नमस्कार मित्रों! स्वागत है आपका यहाँ। आज जानेंगे ट्विटर और इसके मुख्य फीचर्स के बारे में, वैसे तो twitter को इंटरनेट के sms के रूप में भी जाना जाता है। और लगभग सभी यूजर इसके बारे में जानता है यह लेख नए उपयोगकर्ता के लिए मार्गदर्शन हेतु लिखा गया है। 

ट्विटर एक ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग सर्विस है जो उपयोगकर्ता (User) को 140 करैक्टर के छोटे संदेश भेजने और पढने की सुविधा देता है जिन्हें "tweets" कहा जाता है। पंजीकृत उपयोगकर्ता संदेश को पढ़ एवं प्रेषित कर सकते हैं परन्तु अन्य उपयोगकर्ता सिर्फ संदेश पढ़ सकते हैं। इसे कंप्यूटर एवं मोबाइल, दोनों से संचालित किया जा सकता है। वर्तमान में ट्विटर के दुनियाभर में 25 कार्यालय है और इसकी स्थापना सेन फ्रांसिस्को में हुई थी। ट्विटर मार्च 2006 में बनाया गया था और इसके निर्माता हैं: जैक डोरसे, एवन विलियम्स, ब्रिज टोन, और नूह ग्लास, ट्विटर जुलाई 2006 में लांच किया गया था।

ट्विटर के मुख्य फीचर इस प्रकार है : 

* ट्वीट : यह एक संदेश का टुकड़ा है जो की अधिकतम 140 और कुछ देशों में ये 280 करैक्टर का हो सकता है। शब्दों के बीच खाली जगह और पंक्चुएशन भी 140 करैक्टर में शामिल किये जाते हैं, यानी आप मेसेज लिखते समय जितनी बार स्पेस बटन का इस्तेमाल करेंगे वो भी गिना जायेगा।  यह एक प्रकार की ब्लॉग एंट्री या समझ लीजिए एक छोटे ब्लॉग की तरह है।

* टाइम लाइंस : तारीख के हिसाब से संदेशों का संकलन है टाइम लाइन। पब्लिक टाइम लाइन में हर संदेश का संकलन होता है। जब आप ट्वीट करते हैं तो आप खुद की टाइम लाइन बना लेते हैं जो की आपकी प्रोफाइल देखने वाले हर उपभोक्ता को क्रमबद्ध दिखेगी। टॉप मेन्यु में प्रोफाइल लिंक पर क्लिक करके आप खुद की टाइम लाइन देख सकते हैं। हर उपभोक्ता की एक विशेष टाइम लाइन भी होती है जिसमे हर उस व्यक्ति के ट्वीट होते हैं जिसे उपयोगकर्ता फ़ॉलो कर रहा होता है। यह आपके खुद के न्यूज टिकर की तरह होता है। आप बहुत से लोगों और समूह को फ़ॉलो कर सकते हैं। सिवाय उन संदेशों के जो वह खुद किसी को भेज रहे हैं, आप संदेशों को देख सकते हैं।

* ट्विटर प्रोफाइल : टॉप मेन्यु के सेटिंग लिंक पर क्लिक करके आप अपनी प्रोफाइल एडिट कर सकते हैं। एक बात का ध्यान रखना जरूरी है की आपके अकाउंट सेक्शन की हर चीज पब्लिक को दिखती है। अगर आप अपना वास्तविक नाम नहीं दिखाना चाहते तो अपना नाम बदल सकते हैं। हेड शॉट को आम तौर पर अपनी प्रोफाइल पिक्चर बनाया जाता है।

* फोलोविंग और फोलोवर्स : फोलोविंग ट्वीटर में friending और subscribing के लिए प्रयोग किया जाता है। जब किसी की प्रोफाइल पेज पर विजिट करते हैं तो उसके चित्र के नीचे एक छोटा सा फ़ॉलो बटन होता है। इस बटन पर क्लिक करने से आपके होम टाइम लाइन पर उस व्यक्ति के ट्वीट दिखाई देते हैं। ट्विटर पर फोलोविंग एक तरफा होता है, जब तक कोई अपने अपडेट को गोपनीय नहीं करता, उसे आपकी फोलोविंग रिक्वेस्ट को अप्रूव करने की जरूरत नहीं होती है। अगर फीचर बंद ना किया हो तो उन्हें इस बात का एक ई-मेल मिलेगा की आप उन्हें फ़ॉलो कर रहे हैं। वो भी आपके ट्वीट चेक कर सकते हैं और आप उनके मतलब के संदेश भेजते रहते हैं तो वे भी आपको फ़ॉलो कर सकते हैं।

* क्न्वर्सेशन
+ सीधे संदेश प्राइवेट होते हैं। सिर्फ प्रेषक और पाने वाला ही उन्हें देख सकता है। आप इस प्रकार के संदेश सिर्फ उन लोगों तक भेज सकते हैं जो आपको फ़ॉलो करते हैं। इस प्रकार के संदेश आमतौर पर अच्छे नहीं माने जाते और लोग उन्हें नहीं पढ़ते।
+ जिन ट्वीट में आपको मेंशन किया गया है, यह जानने के लिए ट्विटर के राईट साइड पर @yourname (आपका यूजर नेम) पर क्लिक करें।
+ अपने फोलोवर्स को अपना ट्वीट दिखाने और किसी को विशेष रूप से भेजने के लिए शुरुआत की जगह कहीं भी @username लिख दें।

* री-ट्वीट (RT) : जब कोई दूसरा आपके ट्वीट को उसके खुद के फोलोवर्स को दिखाना चाहता हो, तो इसे करने का सामान्य तरीका है:
RT@OriginalAuthor Content of original tweet [Retweeter's comment]

* हेशटैग : हेशटैग से आप अपने ट्वीट में कुंजी शब्द या श्रेणियां जोड़ सकते हैं। हेशटैग लोगों को एक विषय पर ट्वीट का औसत करने की अनुमति देता है। इसमें हेशटैग का चिन्ह की वर्ड बिना रिक्तस्थान के होता है जैसे #फेसबुक । हेशटैग आजकल स्वचलित ट्विटर खोज के लिंक में बदल जाते हैं। जैसे #फेसबुक टैग पर क्लिक करेंगे तो #फेसबुक हेशटैग की सारी सामग्री आपके सामने आ जाएगी जिनमे ये टैग इस्तेमाल हुआ है। कांफ्रेसं और इन्वेट्स के लिए हेशटैग का काफी प्रयोग होता है। हेशटैग को ढूंढ कर आप कई प्रकार के लाइव इवेंट्स को फ़ॉलो कर सकते हो।  अपने शहर या राज्य में होने वाली घटनाओं की जानकारी रखी जा सकती है, किसी भी विषय को खोजा जा सकता है।

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31 अक्तूबर 2018

जाने लिंक्ड इन के बारे में।

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लिंक्डइन 
नमस्कार मित्रों, आपका स्वागत है यहाँ। लिंक्ड इन के बारे में अधिकतर लोग नही जानते की आखिर ये क्या है, क्योंकि लोगों को फेसबुक से ही फुर्सत नहीं, आज जानेंगे इस छोटे से लेख में लिंक्ड इन के बारे में। 

लिंक्ड इन एक व्यवसाय उन्मुख सामाजिक नेटवर्किंग वेबसाइट है, जिसे दिसम्बर 2002 को शुरू किया गया। मुख्य रूप से यह पेशेवर नेटवर्किंग के उद्देश्य से बनायी गयी है। 2015 तक इस साईट का सम्पूर्ण राजस्व नियोक्ताओं एवं बिक्री पेशेवरों को जानकारी बेचने से प्राप्त होता है। इसके उपयोगकर्ता पेशेवर प्रोफाइल तैयार करते हैं जिससे दुसरी साईट के सदस्य उनके व्यापार पृष्ठ भूमि, कार्यविशेषता समूह, या संगठन के बारे में जानकारी प्राप्त कर सके। एक बार उपयोगकर्ता अपनी प्रोफाइल बनाने के बाद दुसरे उपयोगकर्ता को भी अपने नेटवर्क में जोड़ सकता है।

प्रोफाइल में स्टेट्स की सुविधा उपलब्ध होती है जिसके द्वारा उपयोगकर्ता के नेटवर्क से जुड़े लोग यह जान सकते हैं की उपयोगकर्ता किस विषय पर कार्य कर रहा है तथा कब यात्रा कर रहा होगा तथा जरूरत अनुसार सुझाव देना शामिल होते हैं। इसमें उनके लिए भी सुविधा होती है जो इसके सदस्य नहीं है वह प्रोफाइल के हिस्से को देखने की स्वीकृति भी प्रदान कर सकता है।

इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं है :

* सम्पर्क में रखे : जो व्यक्ति बार-बार नौकरी बदलते हैं, लिंक्ड इन ऐसे उपयोगकर्ताओं को उन पेशेवर नेटवर्क से सम्पर्क में रहने तथा उनके कार्यों को अपडेट देने तथा सम्पर्क सूत्रों को प्रदान करता है।

* मदद लेना : उपयोगकर्ता के नेटवर्क जब किसी व्यापारिक समस्या का हल नहीं निकाल सकते, तब लिंक्ड इन का टूल "आंसर एंड ग्रुप्स" उपयोगकर्ता को विश्वास पात्र एक्सपर्ट से मिलाता है।

* नौकरी ढूँढना : लिंक्ड इन उपयोगकर्ताओं को हजारों नौकरियों की जानकारी देना एवं उनके लिए एप्लीकेशन फॉर्म उपलब्ध करवाने का कार्य करता है। यह एप्लीकेशन और यूजर की प्रोफाइल सीधे नियोक्ता तक पहुंच जाती है।

* नए स्टाफ का अपॉइंटमेंट : कम्पनी के मनेजर लिंक्ड इन पर जाकर अपने कम्पनी के लिए सही कैंडीडेट चुन सकते हैं जिनके पास तयशुदा स्किल एवं एक्सपीरियंस हो। 

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04 दिसंबर 2012

क्यों होते हैं फेसबुक प्रोफाइल हैक?



इन दिनों फेसबुक यूजर्स के लिए हैकिंग की समस्या आम हो गई है।
पिछले दिनों बेंगलुरु में तकरीबन दो लाख फेसबुक यूजर्स इसके शिकार हुए हैं। ज्यादातर फेसबुक यूजर की समस्या है कि या तो उनका अकाउंट किसी ने हैक कर लिया है या उनकी वॉल पर किसी ने कोई भी सामग्री पोस्ट कर दी है।

अकाउंट हैक की कोशिश उन यूजर के साथ ज्यादा हो रही है जिन्हें कम्प्यूटर का बेसिक नॉलेज कम है या जो अपना पासवर्ड बदलते ही नहीं हैं। विशेषज्ञों की राय है कि इन समस्याओं से बचने के लिए कम्प्यूटर का बेसिक नॉलेज रखना जरूरी है ताकि कोई भी वायरस या गलत सामग्री को खोलने से पहले आप एक बार जरूर सोचें।

अकाउंट हैक होने के मामले ज्यादा

दूसरे का अकाउंट हैक करने जैसे मामले इन दिनों ज्यादा होने लगे हैं। इसमें दो चीजें मुख्य हैं- पहला किसी व्यक्ति का अकाउंट बना हुआ है और कोई अन्य व्यक्ति उसके अकाउंट पर अश्लील फोटो या मैसेज डाल देता है। या फिर दूसरे व्यक्ति के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाना। लोग फर्जी आईडी बनाकर दोस्तों को जो़ड़ने का प्रयास करते हैं और जब ज्यादा दोस्त जु़ड़ जाते हैं तो फिर उन्हें अश्लील फोटो और मैसेज डाल देते हैं। इससे आपकी फेसबुक फ्रेंड्स के सामने गलत इमेज बनती है।

सोशल नेटवर्किंग का चलन

आईटी एक्सपर्ट मानते हैं कि आजकल सोशल नेटवर्किंग का चलन ज्यादा हो गया है। कोई भी व्यक्ति इंटरनेट न जानते हुए फेसबुक और अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट का उपयोग करने लगता है। उन व्यक्तियों को बेसिक कम्प्यूटर नॉलेज होना बहुत जरूरी है उसके बाद ही उन्हें इंटरनेट का प्रयोग करना चाहिए।

बचने के तरीके

- किसी दोस्तों की तरफ से मैसेज आता है तो उसे प़ढ़कर व समझकर ही क्लिक करें क्योंकि उसमें वायरस हो सकता है।
यदि समझ नहीं आए तो उसे डिलीट कर दें। या फिर तुरंत ही उस व्यक्ति को सूचित करें जिसके अकाउंट से वॉल पर पोस्ट हुआ है।
- ई-मेल पर कोई लिंक आती है तो उसे भी क्लिक न करें।
- फेसबुक एप्लीकेशन यूज कर रहे हैं तो पहले परमिशन मांगी जाती है यहां यह जान लें कि सामने वाला क्या-क्या जानकारी हमारी प्रोफाइल से ले सकता है।
- यदि सामने वाला यूजर डिटेल में जानकारी लेता है तो उस एप्लीकेशन को यूज करने से बचें।
- यदि आप फेसबुक वॉल पर कोई ऐसा फोटो देखते हैं जो गलत है या अच्छा नहीं है तो आप उस फोटो और मैसेज को रिपोर्ट एब्यूस पर क्लिक कर दीजिए। यदि फेसबुक टीम को लगेगा कि इस फोटो और मैसेज को ज्यादा लोग एब्यूज मार्क कर रहे हैं तो वे इन्हें हटा देते हैं।
- यदि किसी व्यक्ति का आईडी हैक हुआ है और हैकर उसकी प्रोफाइल का मिस यूज कर रहा है तो तुरंत ही पुलिस थाना और सायबर सेल के ऑफिस में शिकायत दर्ज करें।
- फेसबुक यूजर प्रायवेसी सेटिंग एनेबल करें ताकि आप अपने प्रायवेट नेटवर्क मजबूत बना सकें ताकि कोई भी अनजान व्यक्ति आपकी वॉल पर पोस्ट न कर पाए और न ही आपने जो पोस्ट किया है वह देख पाए।
- अनवांटेड एप्लीकेशन को क्लिक न करें।
- कोई एप्लीकेशन के माध्यम से आपको लिंक भेज रहा है तो उस एप्लीकेशन को भूल कर एड न करें।
- साइटों पर फ्री में मिलने वाले एंटी-वायरस या फिर सॉफ्टवेयर लोड न करें।
- किसी के खाते में अश्लील फोटो या वीडियो है तो उसे नहीं खोलें।

ये आलेख मेरा नहीं है अंतर्जाल से लिया गया है बस आप लोगो में शेयर करने के लिए , यदि मूल लेखक को इससे आपति हो तो हटा दिया जायेगा... धन्यवाद

28 फ़रवरी 2014

कांफ्रेंसिंग के लिए बनाएँ पर्सनल प्रोफाइल पेज



वीडियो कोंफ्रेंस का बिजनेस आउटसोर्सिंग में काफी महत्व है, क्योंकि ग्लोबल विलेज में तब्दील हो चुकी दुनियां में वीडियो कोंफ्रेंस के जरिये आप किसी भी हिस्से में मौजूद अपने टीम मेंबर, क्लाइंट या फिर कस्टमर के सम्पर्क में रहते हैं। इसी कि जरुरत को ध्यान में रखते हुए कुछ वेबसाइट वीडियो कोंफ्रेस के लिए शानदार विकल्प उपलब्ध करा रही है। गूगल 'हैंगआउट' के जरिये ऐसी ही सेवा दे रहा है। लेकिन इस से भी आसान सेवा है 'मीटिंग्स' जो वीडियो कोंफ्रेस को ओर भी आसान बना देती है।

कैसे शुरू करें पर्सनल वीडियो कोंफ्रेस रूम?

पर्सनल वीडियो कोंफ्रेस रूम बनाने के लिए आपको यहाँ क्लिक कर मीटिंग्स कि वेबसाइट पर जाना होगा, यहाँ आपको 'गेट ए मीटिंग रूम' ऑप्सन मिलेगा, जहाँ आप पर्सनल ऑनलाइन मीटिंग रूम तेयार कर सकते हैं। इसके वेब पते को आप किसी के साथ शेयर कर वीडियो कोंफ्रेस कर सकते हैं। आप चाहें तो यहाँ से इम्बेड कोड लेकर अपनी वेबसाइट या ब्लॉग पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इस मुफ्त सेवा कि एक ओर खूबी है कि एक बार तेयार किये गए प्रोफाइल को ही भविष्य में इस्तेमाल कर सकते हैं। आज का लेख आपको कैसा लगा कमेन्ट के माध्यम से जरुर बताएं।

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09 अक्तूबर 2018

इ-कॉमर्स क्या है? पुरी जानकारी मिलेगी यहाँ।

What is e-commerce
इ-कॉमर्स 
नमस्कर मित्रों , आज जानेगे इ-कॉमर्स क्या है और इसके प्रकार और उपयोग के बारे में आजकल इ-कॉमर्स का प्रचलन अधिक है तो सोचा क्यों ना इस पर एक पोस्ट हो जाए।

इ-कॉमर्स (इलेक्ट्रोनिक कॉमर्स) :
किसी भी समान को इलेक्ट्रोनिक माध्यम (मुख्य रूप में इंटरनेट) से खरीदा या बेचा जाये उसे इ-कॉमर्स कहते हैं। ऑनलाइन रिटेल बहुत आरामदायक होता है क्योंकि एक तो वह 24 घंटे उपलब्ध रहता है, वैश्विक स्तर पर उपलब्ध होता है और आमतौर पर अच्छी ग्राहक सेवा प्रदान करता है।

ई-कॉमर्स व्यपार में निम्नलिखित विशेषताएं होती है :

* ऑनलाइन शौपिंग साईट, खुदरा बिक्री -सीधे ग्राहक के लिए।
* बेचने वाला ऑनलाइन बाजार (मार्केटप्लेस) में भाग ले सकता है जो की व्यापार ग्राहक, या ग्राहक - ग्राहक बेचने का माध्यम प्रदान करता है।
* व्यापार - व्यापार (Business 2 Business) खरीदना और बेचना। 
* डेमोग्राफी डाटा को एकत्रित करना (सोशल मिडिया और वेब कॉन्टेक्ट्स द्वारा)
* B2B इलेक्ट्रोनिक डाटा एक दुसरे से आदान-प्रदान करना।
* ईमेल और फेक्स के द्वारा क्लाइंट्स और सबंधित ग्राहकों को पाने के लिए मार्केटिंग करना (उदाहरण के लिए - समाचार पत्र)

इ-कॉमर्स के प्रकार :

* प्योर (pure)-क्लिक या प्योर-प्ले संस्थाएं - जिन्होंने बिना किसी पुरानी चल रही संस्था के, बस एक साईट शुरू कर दी है।
* बिक्र-एंड-क्लिक संस्थाएं - वह चल रही संस्था होती है जिसने इ-कॉमर्स के लिए साइट लांच की है।
* क्लीक-टू-बिक्र संस्था - यानी ऑनलाइन विक्रेता जिसने बाद में कुछ जगहों पर दुकान खोली हो।

कई प्रकार की इ-बिक्री हो सकती है, जैसे :

* व्यापार से ग्राहक (Business 2 Consumer) -: कम्पनी सीधे अपना समान उपभोगकर्ता को बेचती है। B2C वेब शॉप्स आमतौर पर सभी विसिटर्स के लिए खुली होती है। उदाहरण है  अमेजोन

* व्यापार से प्यापार (Business 2 Business) -: कम्पनी बिना सीधे ग्राहक को बेचे, सीधे दुसरी कम्पनी को सामान बेचती है। इनके ऑनलाइन साईट पर लॉग इन करना पड़ता है। इस प्रकार की साइट्स पर आमतौर पर ग्राहक के हिसाब से दाम, डिस्काउंट और माल की छंटनी होती है। उदाहरण है अलीबाबा

* ग्राहक से व्यापार (Consumer 2 Business) -: यहाँ ग्राहक अपना सामान ऑनलाइन बेचने के लिए लगा देता है जहाँ कम्पनी बोली लगा सकती है। ग्राहक इन बोलियों को देख सकता है और अपने हिसाब से कम्पनी चुन कर माल बेच सकता है।

* ग्राहक से ग्राहक (Consumer 2 Consumer) -: ग्राहक अपने माल को दुसरे ग्राहक को बेचता है इसका बेहतरीन उदाहरण है ईबाय

* मोबाईल कॉमर्स (mCommerce) -: मोबाइल या पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट (PDA) के द्वारा माल को खरीदने या बेचने को मोबाइल कॉमर्स कहते हैं। अगली पीढ़ी कही जाने वाले इस इ-कॉमर्स में यूजर को इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए किसी प्लग में तार नहीं लगाना पड़ता।

इ-कॉमर्स की सबसे सबसे बड़ी विशेषता है बिना किसी ज्यादा फाइनेंसियल इन्वेस्टमेंट के उसका वैश्विक होना, इस तरह के कॉमर्स के लिए कोई जमीनी बाध्यता नहीं है। ग्राहक वैश्विक तौर पे चुन सकते है, सभी बेचने वालों की तुलना कर सकते हैं बिना उनकी वर्तमान भौगोलिक स्थिति के। सीधे ग्राहक को कम्पनी से मिला देने के गुण से इ-कॉमर्स ने बिचोलियों के लिए कोई काम नहीं छोड़ा है, कुछ जगह है भी तो काफी कम। इस प्रकार कम्पनी और ग्राहक के बीच सीधा तार जुड़ जाता है, जिससे कम्पनी ग्राहक को उसके उत्पाद और सर्विस प्रदान कर सकती है। 

इ-कॉमर्स कम्पनी ग्राहक को बेहतर उत्पाद, बेहतर आफ्टर-सेल्स-सर्विस देती है जो ग्राहक को और करीब ले आता है। इससे प्रतिस्पर्धा भी बढती है। कीमत में आकर्षक कमी, इ-कॉमर्स की एक महत्वपूर्ण विशेषता है, इ-कॉमर्स नए तरीकों से ग्राहकों के पास एक 24 घंटे खुला रहने वाला वर्चुअल स्टोर बन गया है।

इ-कॉमर्स के प्रयोग : सबसे प्रचलित इ-कॉमर्स एप्लीकेशन है:

खुदरा एवं थोक व्यापार : खुदरा और व्यापार में इ-कॉमर्स के कई इस्तेमाल है। इ-रिटेलिंग या ऑनलाइन रिटेल, व्यापार से ग्राहक को माल इलेक्ट्रोनिक कैटेलोग और शौपिंग कार्ट मॉडल के माध्यम से बेचना है। एक साइबर मॉल या इ-मार्केटप्लेस ग्राहक और सेलर को एक वर्चुअल स्पेस में (एक वेब ब्राउज़र के द्वारा)आकर्षित करते हैं।

प्रचार : ग्राहक के व्यवहार, जरूरत और खरीदने के तरीके की जानकारी वेब और इ-कॉमर्स द्वारा जुटाई जा सकती है। यह प्रचार कार्यों जैसे कीमत तय करना, मोल-भाव करना, उत्पाद के फीचर में बदलाव एवं ग्राहक के साथ सम्बन्धों में मदद करता है।

फाइनेस : इस प्रकार की कम्पनिया इ-कॉमर्स का काफी उपयोग करती है। ग्राहक समस्त सेवाएं जैसे खाते का बैलेंस चेक करना, पेमेंट ट्रांसफर करना, अपने बिल जमा करना इ-बैंकिंग या ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से आसानी से कर सकते है। इ-कॉमर्स का एक अन्य उपयोग ऑनलाइन स्टॉक लें-देंन भी है। काफी साइट्स कम्पनियों के प्रोफाइल एवं उसके स्टॉक/शेयर के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाती है।

मेन्युफैक्चरिंग : इ-कॉमर्स किसी कम्पनी के माल ढुलाई के सिस्टम को भी सम्भाल लेता है। कुछ कम्पनिया एक प्रकार का इलेक्ट्रोनिक एक्सचेंज बना लेती है। इसमें सम्मिलित होता है माल का खरीदना-बेचना, व्यापार मार्केटिंग की जानकारी, कार्यालय की जानकारी जैसे इन्वेंटरी कंट्रोल, कच्चा माल एवं तैयार माल की ढुलाई प्रोसेस इस प्रकार से तेज हो जाती है।

बोली (ऑक्शन) : ग्राहक-ग्राहक  इ-कॉमर्स माल के सीधे सीधे ग्राहकों के बीच बेचने को कहते हैं। इसमें इलेक्ट्रोनिक बोली भी शामिल है। बिडिंग एक प्रकार की बोली है जिसमे संभावित ग्राहक माल के लिए ऑनलाइन बोली लगा सकता है।

ऑनलाइन शौपिंग साइट्स :

online shopping
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आजकल लोगों के पास समय की कमी है और वह अपने काम में अधिक व्यस्त हो गये हैं। किसी अन्य काम के लिए बहुत ही कम समय बचता है और ऐसे में ऑनलाइन शौपिंग ही उनके लिए अच्छा माध्यम बनाता है। स्मार्टफोन के आने से इंटरनेट का उपयोग सरल हो गया है जिससे ऑनलाइन शौपिंग और भी ज्यादा प्रचलित हो गयी है। हिंदुस्तान की कई ऑनलाइन शौपिंग साइट्स इस प्रकार प्रचलित हो गयी है जो ग्राहकों को लुभावने ऑफर देकर आकर्षित करती है।
ऑनलाइन शौपिंग एक तेज, किफायती, आसान और मजेदार अनुभव प्रदान करता है। इसमें खूबियाँ जैसे 24 घंटे शौपिंग, डिस्काउंट कूपन के साथ शौपिंग, घर बैठे शौपिंग, अच्छी गुणवता के उत्पाद इत्यादि।

हिंदुस्तान की प्रमुख ऑनलाइन शौपिंग साइट्स:

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* फ्लिप्कार्ट.कॉम (अप म्यिन्त्रा के भी मालिक) : 2004 में लगभग 4 लाख रूपये से शुरू, आज 60000 करोड़ रु. का सालाना टर्नओवर, यह एक मार्किटप्लेस है जहाँ किताबों से लेकर इलेक्ट्रोनिक्स, कपड़े, जूते आदि सब कुछ खरीद सकते हैं। यह हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी साईट है।

* अमेजन.इन : यह दुनियाभर में इ-कॉमर्स में अवल्ल है। अब हिंदुस्तान में भी अपने व्यापार को चालू कर दिया है। इस साईट पर सभी प्रकार का सामान किफायती दरों में उपलब्ध है।

* स्नैपडील.कॉम : यह साईट आस पड़ोस के उत्पाद एवं सर्विसेज जैसे मसाज, भ्रमण और रेस्तरा पर बेहतरीन ऑफर देती है। यह साईट अच्छी कीमत और मुफ्त कुरियर सेवा देती है।

* पेटिएम.कॉम : इसकी शुरुआत मोबाइल इ-वॉलेट के द्वारा मोबाइल रिचार्ज, बिल भुगतान आदि से शुरू हुई थी। अब ये साईट एक सम्पूर्ण मार्किटप्लेस की तरह सब कुछ बेच रही है। इसकी कम कीमत, इ-वॉलेट के बेहतरीन उपयोग के कारण इस साईट ने बहुत ही कम समय में शीर्ष दस साइट्स में अपनी जगह बना रखी है ।

* जबोंग.कॉम : यह एक फैशन स्टोर है जो की हर आइटम पर अच्छा डिस्काउंट प्रदान करवाता है। कपड़ों और घर की साज-सज्जा के सामान का बेहतरीन संग्रह इस साईट पे मिलता है।

मित्रों ये थी इ-कॉमर्स से जुडी जानकारी, सभी शौपिंग साइट्स के लिंक नाम में ही है, अगले लेख में बताऊंगा क्लाउड स्टोरेज के बारे में।


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08 अक्तूबर 2018

ब्लॉग क्या है? इसके कितने प्रकार है?

ब्लॉग क्या है?
ब्लॉग क्या है?

नमस्कार मित्रों, आज बात करते हैं ब्लॉग के बारे में, इस आलेख में जानेंगे की ब्लॉग क्या है? ब्लॉग किसे कहते हैं? और ब्लॉग के कितने प्रकार होते हैं?

एक ब्लॉग, जानकारी या चर्चा हेतु तेयार की गयी वेबसाइट है जो की डिस्क्रिट प्रविष्ठियां (अलग-अलग), जिन्हें पोस्ट भी कहा जाता है, से मिलकर बनी होती है तथा जो आमतौर पर रिवर्स क्रानिकल यानि जो पोस्ट हाल ही में की गई है वो पोस्ट सबसे ऊपर के रूप में दिखाई जाती है।

सन 2009 तक ब्लॉगस आमतौर पर एक ही व्यक्ति का काम होता था, कभी कभार इसे एक समूह वाले, एक ही विषय पर वार्तालाप करने के लिए उपयोग में लेते थे, अभी हाल ही में बहुत से बहु लेखक ब्लॉग (मल्टी ऑथर ब्लॉग) विकसित हुए हैं। जिनमे बहुत से लेखकों द्वारा पोस्ट लिखी जाती है तथा पेशेवरों द्वारा संपादित की जाती है।

समाचार पत्रों के पेशेवर, अन्य मिडिया के आउटलेट्स, विश्वविद्यालयों के विचारक समूह, वकालत समूह इत्यादि की उपस्थिति तथा योगदान की वजह से ब्लॉग ट्रैफिक लगातार बढ़ रहा है। ट्विटर एवं अन्य माईक्रोब्लोगिंग सिस्टम ब्लॉगस को संगठित कर नयी धारणाओं में एकीकृत करने में मदद करते हैं।

अधिकांश ब्लॉग इंटरेक्टिव होते हैं जो आगुन्तकों को अपने विचार संदेश ब्लॉग से जीयुआई(GUI) के माध्यम से छोड़ने की अनुमति देते हैं। यही अंतर क्रियाशीलता (इंटरेक्टिव) ब्लॉग को दुसरी स्टेटिक (स्थिर) वेबसाइटों से अलग पहचान दिलाता है।

कई ब्लॉग एक विशेष विषय पर कमेंट्री पेश करते हैं। कुछ ब्लॉग ऑनलाइन डायरी की तरह कार्य करते हैं, तो कुछ ब्लॉग किसी विशेष व्यक्ति या संगठन के ब्रांड व विज्ञापन की तरह कार्य करते हैं। एक टिपिकल ब्लॉग में अक्षर, चित्र एवं दुसरे ब्लॉग से जुड़ने की व्यवस्था एवं अन्य विषय पर आधारित मिडिया को जोड़ने का कार्य करते हैं।

ब्लॉग के प्रकार :

ब्लॉग कई प्रकार के होते हैं, उनके प्रकार केवल उनकी सामग्री (कंटेंट) के आधार पर नहीं बल्कि उन्हें किस प्रकार प्रस्तुत किया जाना है या लिखा जाना है, पर भी निर्भर करते हैं।

ब्लॉगस के विभिन्न प्रकार को नीचे वर्गीकृत किया गया हैं:

1. व्यक्तिगत ब्लॉग (Personal Blog) : इस प्रकार के ब्लॉग में एक व्यक्ति की व्यक्तिगत चालू डायरी या कमेंट्री होती है, अधिकतर लोग ऑनलाइन डायरी लिखने के शौक़ीन होते हैं वो इसी प्रकार में आता है।

2. सहयोगात्मक ब्लॉग अथवा ग्रुप ब्लॉग (Collaborative Blog Or Group Blog) : यह वह ब्लॉग है जिसमें पोस्ट एक या एक से अधिक लेखकों द्वरा प्रकाशित होती है। ज्यादातर हाई-प्रोफाइल सहयोगात्मक ब्लॉग एक थीम के चारों और आधारित होती हैं जैसे की राजनीती, बॉलीवुड  या नयी तकनीक इत्यादि।

3. माइक्रोब्लोगिंग (Micro Blogging) : माइक्रोब्लोगिंग डिजिटल जानकारियों को छोटे-छोटे हिस्सों में प्रदर्शित करने का तरीका है जो पाठ, चित्र, लिंक एवं अन्य मिडिया के रूप में जो इंटरनेट पर उपलब्ध है। माइक्रो ब्लोगिंग एक पोर्टेबल संचार व्यवस्था है जिसे कई लोगों ने जैविक और सहज महसूस कर सार्वजनिक कल्पना का दर्जा हासिल करा लिया है जैसे ट्विटर और फेसबुक

4. कॉर्पोरेट ब्लॉग (Corporate Blog) : एक ब्लॉग प्राइवेट या बिजनस कार्य के लिए भी बनाया जा सकता है। बिजनस में आपसी संवाद बढ़ाने या फिर मार्केटिंग, ब्रांडिंग, और पब्लिक रिलेशन को बेहतर करने के काम आता है।

5. अग्रीग्रेटेड ब्लॉग (Aggregated Blog) : इस तरह के ब्लॉग में ऑर्गेनाइजेशन या व्यक्तिगत तौर पर कुछ लोग एक विषय पर जानकारी एकत्रित करके पाठकों को संयुक्त जानकारी उपलब्ध करवा सकते हैं। इससे पाठक अपने मनपसन्द विषय को पढने में समय लगा सकता है, न की व्यर्थ की जानकारी को जुटाने में।  हिंदी अग्रीग्रेटेड ब्लॉग उदाहरण : हमारीवाणी, ब्लोग्वार्ता, ब्लोग्सेतुचर्चामंच आदि।

6. Genre ब्लॉग : इस श्रेणी में वह ब्लॉग आते हैं जो किसी टॉपिक पर केन्द्रित होते हैं जैसे - राजनेतिक, स्वास्थ्य, फैशन, किताबें, तकनीक, आदि। आजकल कैसे करें? आदि के ब्लॉगस काफी प्रचलित हो रहे हैं। जिसमे दो आम प्रकार के ब्लॉग है - आर्ट ब्लॉग एवं म्यूजिक ब्लॉग।

7. मिडिया टाइप पर आधारित ब्लॉग : इस प्रकार के ब्लॉग में जिस ब्लॉग में विडिओ होते है उस ब्लॉग को व्लॉग (Vlog) कहते हैं, लिंक्स वाले ब्लॉग को लिंक्लोग (Linklog) कहते है। जिस ब्लॉग पर स्केच होते हैं उसे स्केचब्लॉग और जिसमे चित्र होते हैं उसे फोटोब्लॉग कहते हैं।

8. डिवाइस टाइप पर आधारित ब्लॉग : इस प्रकार के ब्लॉग का प्रकार लिखे गये उपकरणों के आधार पर किया जाता है। जैसे PDA अथवा मोबाइल से लिखे गये ब्लॉग को मोब्लॉग कहते हैं।

तो मित्रों ये थे ब्लॉग के प्रकार, अगर आप भी अपना ब्लॉग बनाना चाहते है तो सबसे पहले सही श्रेणी इस्तेमाल करें ताकि आपके ब्लॉग के टैरिफ पर प्रभाव ना पड़ें या यूँ कहें की गूगल आपके ब्लॉग को अनदेखा ना करें।

फ्री में आप ब्लॉग बना सकते है इंटरनेट पर तीन सबसे चर्चित फ्री सेवा है वर्डप्रेस, ब्लागस्पाट (जो की गूगल की सेवा है) और टम्बलर, आप अपने पसंद के हिसाब से इन पर अपना ब्लॉग बना सकते हैं।

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13 सितंबर 2018

ऑनलाइन कमायें 5000 रूपये महिना, सिर्फ रोज आधा घंटे का वक्त दे।

OneAd
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नमस्कार मित्रों, स्वागत है आपका अपना अंतर्जाल पे। 

आज का विषय है ऑनलाइन रूपये कैसे कमायें ? 

मित्रों फेसबुक और वाट्सएप्प पे रोज हम ऑनलाइन रहते ही हैं बस इनका सदुपयोग कीजिये। इंटरनेट पे बहुत सी एप है जो रूपये कमाने का वादा करती है, जिनमे से कुछ फेक है और कुछ सही है। अंतर्जाल पे विचरण करते हुए मुझे एक एप मिली जिसका रिव्यू मैंने पढ़ा फिर सोचा की ये एप भी फेक होगी और मैंने इंस्टाल करने का इरादा त्याग दिया। लेकिन कुछ दिनों बाद मुझसे रहा नहीं गया और मैंने आखिर वो एप इंस्टाल कर ही ली। ये एप एंड्राइड के लिए थी, इंस्टाल करके रजिस्टर क्या तो इसमें मुझे 3 रूपये प्राप्त हुए, उसके बाद एप के सहायता केंद्र में गया कुछ सहायता ली और एप को दिन में 30 मिनट का समय देने लगा आप विश्वास नहीं करेंगे 1 महीने में इस एप से मैंने 5000 रूपये कमा लिए, वो भी सिर्फ दिन का आधा घंटा एप को समर्पित करके। 

आप जरुर जानना चाहेंगे वो एप कौनसी है ? तो मित्रों वो एप है OneAd, इस एप को अधिकतर मित्र पहले ही इस्तेमाल कर चुके हैं वो जानते है की बहुत ही आसानी से इस एप से रुपया कमाया जा सकता है। 

 आपको क्या करना है? 

1. सबसे पहले यहाँ क्लिक करके एप इंस्टाल करें फिर अपने वाट्सएप नम्बर से रजिस्टर करें। 
2. अब आप अपने दोस्तों को इनवाइट करें रेफ़रर कोड डालने को कहें। 
3. अपने हर दोस्त को कहे कि कम से कम 10 सदस्य अपने नीचे एड करे। और उन 10 को कहे कि अपने नीचे कम से कम 10 सदस्य एड करे। 10 सदस्य एड करना मुश्किल नहीं है इतने तो आपके दोस्त या परिवार में ही मिल जाएंगे, इस तरह श्रृंखला बनती जाएगी और आपके खाते में बैलेंस बढ़ता जाएगा। 10 स्टेज तक आप पैसा कमाते रहेंगे। 
4. स्पीनर का विकल्प भी है इसमे उससे भी आप रुपए कमा सकते है। 
5. अपनी प्रोफाइल में जाएँ वहां अपनी बेंक डिटेल एड करें। 

बस रूल फॉलो कीजिये और ऑनलाइन कमाएं। 

मित्रों ये लॉक स्क्रीन एप है, इसका लॉक बन्द ना करें। आपको कुछ नहीं करना बस रोज एप ओपन करना है और रेफ़रर कोड शेयर करना है। कमाए हुए रुपये आप बैंक अकाउंट और पेटीएम में ट्रांसफर कर सकते हैं। शॉपिंग भी कर सकते है। कोई फेक नहीं है एक बार ट्राई जरूर करें। अधिक जानकारी के लिए एप में दिए गए सहायता वीडियो को देखें, आसानी से समझ आ जायेगा। और हाँ जरूरी नहीं की सिर्फ 5000 ही आप प्रत्येक महिना कमां सकेंगे, जैसे-जैसे आपके सदस्य बढ़ते जायेंगे आपके रूपये भी बढ़ते जायेंगे। 

एप हमें रुपया क्यों देती है? 
क्योंकि ये एप एक एडवर्टाइज एप है, और जो एड ये एप हमे दिखाती है उन एप्स डेवलपर से रुपया लेती है उसी में से कुछ मुनाफा हमें देती है।

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19 जनवरी 2013

अंतर्जाल पर अपने नाम की उपलब्धता की जाँच करें

namecheckr
namecheckr

NameCheckr is a resource which allows you to check the domain availability and social profile availability your desired name or brand for yourself or your upcoming project.

नेमचेकर एक ऐसी वेबसाइट है जहाँ आप अपने नाम की उपलब्धता जाँच कर सकते हैं, जैसे की आपका नाम सोशियल प्रोफाइल या अपने ब्रांड नेम के लिए उपलब्ध  है या नहीं,..


आपको इस वेबसाइट से फायदा ये होगा की आप पहले से ही अपने नाम की जाँच कर सकते है की सोशियल साईट या फिर अपने नाम का डोमेंन आपके नाम से उपलब्ध है या नहीं, जाँच करने के लिए बस आपको अपना इच्छित नाम brand name बॉक्स में लिखना है और इंटर की दबाना है, नतीजा आपके सामने होगा, मैंने dineshnhr की उपलब्धता जाँच की तो परिणाम  चित्रानुसार मिला ,बहुत की काम की वेबसाइट है




इस्तेमाल करके जरुर देखें....

वेबसाइट पर जाने के लिए यहाँ क्लिक करें


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05 जून 2012

उभरती हिन्दी फोरम, (सागर जीएसएम)

आज जिक्र कर रहा हुँ हिन्दी की उभरती फोरम सागर जीएसएम का, यहाँ आप तकनीक, मनोरजंन और अन्य सेवाऔँ का मुफ्त मेँ लुफ्त उठा सकते हैं। इसका सदस्य बनने के लिए निम्न लिँक पर जायेँ।
http://sagargsm.com/forum.php

मैँ भी इस फोरम पर हुँ मेरा प्रोफाइल लिँक निचे दिया हुआ है।
http://sagargsm.com/member.php?u=479  ये आई डी टीच गुरु नाम से है।
 मैँ आपका यहाँ इँतजार कर रहा हुँ।
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