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31 अक्तूबर 2018

जाने लिंक्ड इन के बारे में।

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लिंक्डइन 
नमस्कार मित्रों, आपका स्वागत है यहाँ। लिंक्ड इन के बारे में अधिकतर लोग नही जानते की आखिर ये क्या है, क्योंकि लोगों को फेसबुक से ही फुर्सत नहीं, आज जानेंगे इस छोटे से लेख में लिंक्ड इन के बारे में। 

लिंक्ड इन एक व्यवसाय उन्मुख सामाजिक नेटवर्किंग वेबसाइट है, जिसे दिसम्बर 2002 को शुरू किया गया। मुख्य रूप से यह पेशेवर नेटवर्किंग के उद्देश्य से बनायी गयी है। 2015 तक इस साईट का सम्पूर्ण राजस्व नियोक्ताओं एवं बिक्री पेशेवरों को जानकारी बेचने से प्राप्त होता है। इसके उपयोगकर्ता पेशेवर प्रोफाइल तैयार करते हैं जिससे दुसरी साईट के सदस्य उनके व्यापार पृष्ठ भूमि, कार्यविशेषता समूह, या संगठन के बारे में जानकारी प्राप्त कर सके। एक बार उपयोगकर्ता अपनी प्रोफाइल बनाने के बाद दुसरे उपयोगकर्ता को भी अपने नेटवर्क में जोड़ सकता है।

प्रोफाइल में स्टेट्स की सुविधा उपलब्ध होती है जिसके द्वारा उपयोगकर्ता के नेटवर्क से जुड़े लोग यह जान सकते हैं की उपयोगकर्ता किस विषय पर कार्य कर रहा है तथा कब यात्रा कर रहा होगा तथा जरूरत अनुसार सुझाव देना शामिल होते हैं। इसमें उनके लिए भी सुविधा होती है जो इसके सदस्य नहीं है वह प्रोफाइल के हिस्से को देखने की स्वीकृति भी प्रदान कर सकता है।

इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं है :

* सम्पर्क में रखे : जो व्यक्ति बार-बार नौकरी बदलते हैं, लिंक्ड इन ऐसे उपयोगकर्ताओं को उन पेशेवर नेटवर्क से सम्पर्क में रहने तथा उनके कार्यों को अपडेट देने तथा सम्पर्क सूत्रों को प्रदान करता है।

* मदद लेना : उपयोगकर्ता के नेटवर्क जब किसी व्यापारिक समस्या का हल नहीं निकाल सकते, तब लिंक्ड इन का टूल "आंसर एंड ग्रुप्स" उपयोगकर्ता को विश्वास पात्र एक्सपर्ट से मिलाता है।

* नौकरी ढूँढना : लिंक्ड इन उपयोगकर्ताओं को हजारों नौकरियों की जानकारी देना एवं उनके लिए एप्लीकेशन फॉर्म उपलब्ध करवाने का कार्य करता है। यह एप्लीकेशन और यूजर की प्रोफाइल सीधे नियोक्ता तक पहुंच जाती है।

* नए स्टाफ का अपॉइंटमेंट : कम्पनी के मनेजर लिंक्ड इन पर जाकर अपने कम्पनी के लिए सही कैंडीडेट चुन सकते हैं जिनके पास तयशुदा स्किल एवं एक्सपीरियंस हो। 

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29 अक्तूबर 2018

ट्विटर क्या है? इसके मुख्य फीचर्स क्या है?

About Twitter and its main features.
Twitter

नमस्कार मित्रों! स्वागत है आपका यहाँ। आज जानेंगे ट्विटर और इसके मुख्य फीचर्स के बारे में, वैसे तो twitter को इंटरनेट के sms के रूप में भी जाना जाता है। और लगभग सभी यूजर इसके बारे में जानता है यह लेख नए उपयोगकर्ता के लिए मार्गदर्शन हेतु लिखा गया है। 

ट्विटर एक ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग सर्विस है जो उपयोगकर्ता (User) को 140 करैक्टर के छोटे संदेश भेजने और पढने की सुविधा देता है जिन्हें "tweets" कहा जाता है। पंजीकृत उपयोगकर्ता संदेश को पढ़ एवं प्रेषित कर सकते हैं परन्तु अन्य उपयोगकर्ता सिर्फ संदेश पढ़ सकते हैं। इसे कंप्यूटर एवं मोबाइल, दोनों से संचालित किया जा सकता है। वर्तमान में ट्विटर के दुनियाभर में 25 कार्यालय है और इसकी स्थापना सेन फ्रांसिस्को में हुई थी। ट्विटर मार्च 2006 में बनाया गया था और इसके निर्माता हैं: जैक डोरसे, एवन विलियम्स, ब्रिज टोन, और नूह ग्लास, ट्विटर जुलाई 2006 में लांच किया गया था।

ट्विटर के मुख्य फीचर इस प्रकार है : 

* ट्वीट : यह एक संदेश का टुकड़ा है जो की अधिकतम 140 और कुछ देशों में ये 280 करैक्टर का हो सकता है। शब्दों के बीच खाली जगह और पंक्चुएशन भी 140 करैक्टर में शामिल किये जाते हैं, यानी आप मेसेज लिखते समय जितनी बार स्पेस बटन का इस्तेमाल करेंगे वो भी गिना जायेगा।  यह एक प्रकार की ब्लॉग एंट्री या समझ लीजिए एक छोटे ब्लॉग की तरह है।

* टाइम लाइंस : तारीख के हिसाब से संदेशों का संकलन है टाइम लाइन। पब्लिक टाइम लाइन में हर संदेश का संकलन होता है। जब आप ट्वीट करते हैं तो आप खुद की टाइम लाइन बना लेते हैं जो की आपकी प्रोफाइल देखने वाले हर उपभोक्ता को क्रमबद्ध दिखेगी। टॉप मेन्यु में प्रोफाइल लिंक पर क्लिक करके आप खुद की टाइम लाइन देख सकते हैं। हर उपभोक्ता की एक विशेष टाइम लाइन भी होती है जिसमे हर उस व्यक्ति के ट्वीट होते हैं जिसे उपयोगकर्ता फ़ॉलो कर रहा होता है। यह आपके खुद के न्यूज टिकर की तरह होता है। आप बहुत से लोगों और समूह को फ़ॉलो कर सकते हैं। सिवाय उन संदेशों के जो वह खुद किसी को भेज रहे हैं, आप संदेशों को देख सकते हैं।

* ट्विटर प्रोफाइल : टॉप मेन्यु के सेटिंग लिंक पर क्लिक करके आप अपनी प्रोफाइल एडिट कर सकते हैं। एक बात का ध्यान रखना जरूरी है की आपके अकाउंट सेक्शन की हर चीज पब्लिक को दिखती है। अगर आप अपना वास्तविक नाम नहीं दिखाना चाहते तो अपना नाम बदल सकते हैं। हेड शॉट को आम तौर पर अपनी प्रोफाइल पिक्चर बनाया जाता है।

* फोलोविंग और फोलोवर्स : फोलोविंग ट्वीटर में friending और subscribing के लिए प्रयोग किया जाता है। जब किसी की प्रोफाइल पेज पर विजिट करते हैं तो उसके चित्र के नीचे एक छोटा सा फ़ॉलो बटन होता है। इस बटन पर क्लिक करने से आपके होम टाइम लाइन पर उस व्यक्ति के ट्वीट दिखाई देते हैं। ट्विटर पर फोलोविंग एक तरफा होता है, जब तक कोई अपने अपडेट को गोपनीय नहीं करता, उसे आपकी फोलोविंग रिक्वेस्ट को अप्रूव करने की जरूरत नहीं होती है। अगर फीचर बंद ना किया हो तो उन्हें इस बात का एक ई-मेल मिलेगा की आप उन्हें फ़ॉलो कर रहे हैं। वो भी आपके ट्वीट चेक कर सकते हैं और आप उनके मतलब के संदेश भेजते रहते हैं तो वे भी आपको फ़ॉलो कर सकते हैं।

* क्न्वर्सेशन
+ सीधे संदेश प्राइवेट होते हैं। सिर्फ प्रेषक और पाने वाला ही उन्हें देख सकता है। आप इस प्रकार के संदेश सिर्फ उन लोगों तक भेज सकते हैं जो आपको फ़ॉलो करते हैं। इस प्रकार के संदेश आमतौर पर अच्छे नहीं माने जाते और लोग उन्हें नहीं पढ़ते।
+ जिन ट्वीट में आपको मेंशन किया गया है, यह जानने के लिए ट्विटर के राईट साइड पर @yourname (आपका यूजर नेम) पर क्लिक करें।
+ अपने फोलोवर्स को अपना ट्वीट दिखाने और किसी को विशेष रूप से भेजने के लिए शुरुआत की जगह कहीं भी @username लिख दें।

* री-ट्वीट (RT) : जब कोई दूसरा आपके ट्वीट को उसके खुद के फोलोवर्स को दिखाना चाहता हो, तो इसे करने का सामान्य तरीका है:
RT@OriginalAuthor Content of original tweet [Retweeter's comment]

* हेशटैग : हेशटैग से आप अपने ट्वीट में कुंजी शब्द या श्रेणियां जोड़ सकते हैं। हेशटैग लोगों को एक विषय पर ट्वीट का औसत करने की अनुमति देता है। इसमें हेशटैग का चिन्ह की वर्ड बिना रिक्तस्थान के होता है जैसे #फेसबुक । हेशटैग आजकल स्वचलित ट्विटर खोज के लिंक में बदल जाते हैं। जैसे #फेसबुक टैग पर क्लिक करेंगे तो #फेसबुक हेशटैग की सारी सामग्री आपके सामने आ जाएगी जिनमे ये टैग इस्तेमाल हुआ है। कांफ्रेसं और इन्वेट्स के लिए हेशटैग का काफी प्रयोग होता है। हेशटैग को ढूंढ कर आप कई प्रकार के लाइव इवेंट्स को फ़ॉलो कर सकते हो।  अपने शहर या राज्य में होने वाली घटनाओं की जानकारी रखी जा सकती है, किसी भी विषय को खोजा जा सकता है।

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26 अक्तूबर 2018

इंटरनेट और इंट्रानेट क्या है? इनमे क्या अंतर है?

 What is internet and intranet? And what's the difference between them?

What is internet and intranet?

नमस्कार मित्रों, हम सभी इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं इंटरनेट किसे कहते हैं? और आपने इंट्रानेट नाम भी सुना होगा, दोनों में अंतर भी बहुत है, आज इन्हीं दो विषयों पर संक्षेप में बताऊंगा।


इंटरनेट:

इंटरनेट सुचना संप्रेषण (Information Communication) का एक वैश्विक कंप्यूटर नेटवर्क (ऐसे कंप्यूटर जो आपस में कनेक्टेड है) है। यह उपयोगकर्ता को सुचना आदान-प्रदान करने का मंच प्रदान करता है। इंटरनेट में संचार के लिए विभिन्न प्रकार के प्रोटोकॉल्स का प्रयोग किया जाता है, जिससे डाटा ट्रांसफर में उद्देश्यपरकता को बनाए रखने में मदद मिलती है। इन कंप्यूटरों में सरकारी, विश्वविद्यालय, कम्पनीज एवं लोगों के व्यक्तिगत कंप्यूटर शामिल है। ज्यादातर इंटरनेट सेवा क्लाइंट/सर्वर मॉडल पर कार्य करती है। जब कोई कंप्यूटर फ़ाइल रिसीव कर रहा होता है तो वह क्लाइंट कहलाता है तथा जब वह फ़ाइल सेंड कर रहा होता है तो वह सर्वर बन जाता है। इंटरनेट पर एक्सेस प्राप्त करने के लिए उस क्षेत्र में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के साथ एकाउंट खोलना होता है।

इंट्रानेट:

इंट्रानेट एक निजी नेटवर्क होता है जो केवल उस संगठन के कर्मचारियों के लिए ही सुलभ होता है। आमतौर पर संगठन के आंतरिक आईटी सिस्टम से जानकारे और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला संगठन के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होती है एवं ये इंटरनेट से आम जनता के लिए उपलब्ध नहीं होता है। एक इंट्रानेट वेबसाइट किसी भी अन्य वेबसाइटों की तरह काम करते हैं, लेकिन एक इंट्रानेट के आसपास के फ़ायरवॉल अनाधिकृत उपयोग को बंद कर देता है।

इंटरनेट बनाम इंट्रानेट:

इंटरनेट वैश्विक (Global) वर्ल्ड वाइड वेब है जबकि इंट्रानेट एक कम्पनी का निजी इंटरनेट है जिसे सिर्फ कम्पनी के अंदर ही इस्तेमाल किया जा सकता है। दोनों TCP/IP Protocol को उपयोग में लेते हैं साथ ही में ई मेल और अन्य वर्ल्ड वाइड वेब मानक इस्तेमाल करते हैं। दोनों में मुख्य फर्क यह है कि इंट्रानेट का यूजर इंटरनेट पर जा सकता है लेकिन सुरक्षा कारणों जैसे कंप्यूटर फ़ायरवॉल के कारण इंटरनेट यूजर इंट्रानेट पर नहीं जा सकता। इंट्रानेट बिना किसी इंटरनेट कनेक्शन के भी चल सकता है। इंटरनेट, अधिक व्यापक एक बड़ी आबादी में फैला है, सभी वेब आधारित सेवाओं के लिए बेहतर पहुंच प्रदान करता है और इस प्रकार, बहुत से उपयोगकर्ता के अनुकूल है। इंट्रानेट अधिक सुरक्षित निजीकृत इंटरनेट का एक संस्करण है।

आशा है आपको उपरोक्त जानकारी अच्छी लगी होगी, और भी ऐसे अच्छे लेख पढने के लिए आते रहें।

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04 नवंबर 2018

एक ही ब्राउजर पर एक ही समय में चलाएँ दो व्हाट्सऐप अकाउंट।

Use dual whatsapp account on computer.
व्हाट्सऐप

नमस्कार मित्रों, स्वागत है आपका अपना अंतर्जाल पे। मित्रों एक ही मोबाइल पर दो व्हाट्सऐप अकाउंट चलाने के तरीके हम सब जानते हैं, और इसके कई तरीके हैं। लेकिन जब आपको वेब व्हाट्सऐप चलाना हो और वो भी दो अकाउंट, तो ज्यादतर उपयोगकर्ता नहीं चला पाते क्योंकि अधिकतर उपयोगकर्ता को इसके बारे में जानकारी भी नहीं है।

आज इस छोटे से लेख के माध्यम से आपको एक ही समय में एक ही ब्राउज़र पर दो व्हाट्सऐप अकाउंट चलाने का तरीका बता रहा हूँ। जिसका उपयोग कर आप एक ही ब्राउजर से दो व्हाट्सऐप अकाउंट एक्सेस कर सकेंगे।

ब्राउज़र पर एक ही समय पर दो अकाउंट एक साथ इस्तेमाल करने के लिए आपको निम्न चरण अपनाने होंगे -:

* सबसे पहले आप कंप्यूटर का ब्राउज़र ऑपन करें फिर वेब व्हाट्सऐप की साईट ऑपन करें, वेब व्हाट्सऐप का एड्रेस तो आपको पता ही होगा, नहीं पता है तो टाइप करें -> https://web.whatsapp.com

* अपने अपने मोबाइल में व्हाट्सऐप ऑपन करें, और दाहिने तरफ के तीन डॉट्स पर ओके करें।

WhatsApp Mobile Menu
WhatsApp Menu

* अब जो मेन्यु खुले उसमे से  WhatsAppWeb को सिलेक्ट करें, अब आपके मोबाइल में क्यूआर स्कैनर खुल जायेगा। (आपके मोबाइल में भी इंटरनेट ऑन होना चाहिए।)

* अब आप कंप्यूटर ब्राउज़र में दिख रहे क्यूआर कॉड को स्कैन करें, क्यूआर कोड सही स्कैन होते ही आपका व्हाट्सऐप कंप्यूटर ब्राउज़र में खुल जायेगा।

* अब दूसरे व्हाट्सऐप अकाउंट को चलाने के लिए उसी ब्राउजर में एक और टेब खोलें और टाइप करें https://dyn.web.whatsapp.com  अब आपको एक क्यूआर कॉड दिखाई देगा।

* अब दूसरे व्हाट्सऐप अकाउंट, जो आपको चलाना है को स्कैन करें। स्कैन का तरीका आप पढ़ चुके हैं वही होगा। सही तरीके से क्यूआर कोड स्कैन होते ही आपका दूसरा व्हाट्सऐप अकाउंट भी उसी ब्राउजर पर ऑपन हो जाएगा, इस तरह आप एक ही समय में दोनों अकाउंट को एक साथ चला सकते है।

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13 अक्तूबर 2018

वेब ब्राउज़र क्या हैं? लोकप्रिय ब्राउज़र कौनसे हैं?

About Browser
Popular Browser
नमस्कार मित्रों, स्वागत है आपका अपना अंतर्जाल पर। आज की पोस्ट में बताऊंगा ब्राउज़र और उसके प्रकार आज की पोस्ट उनके लिए है जो अभी इंटरनेट पर नए है, क्योंकि बाकि तो सभी जानते हैं की ब्राउज़र क्या है?

ब्राउज़र (Browser) एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है जो वर्ल्ड वाइड वेब पर कंटेंट को खोजने, प्राप्त करने (retrieve)एवं प्रदर्शित करने (display) में उपयोग में आती है, जैसे इमेजेज,वेब पेजेज, विडिओ कंटेंट्स आदि। एक क्लाइंट/सर्वर मॉडल की तरह, ब्राउज़र एक क्लाइंट की तरह काम करता है, जो यूजर के कंप्यूटर पर रन होता है। ब्राउज़र वेब सर्वर को संम्पर्क (कांटेक्ट) करके इन्फोर्मेशन रिक्वेस्ट करता है। उसके बाद वेब सर्वर इन्फोर्मेशन प्राप्त करके वापिस इन्फोर्मेशन वेब ब्राउज़र को भेज देता है, ब्राउज़र इस इन्फोर्मेशन को प्रोसेस करके कंप्यूटर पर डिस्प्ले कर देता है।

आज के ब्राउज़र अत्याधुनिक है एवं पुरी तरह से कार्यात्मक (fully functional) सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है जो वेब सर्वर पर होस्टेड वेब पेजेज, एप्लीकेशन, जावा स्क्रिप्ट एवं अन्य तरह के कंटेंट्स को प्रोसेस और प्रदर्शित कर सकते हैं। वेब ब्राउज़र एक यूजर इंटरफेस, लेआउट इंजन, रेंडरिंग इंजन, जावा स्क्रिप्ट इंटरप्रेटर, यूजर इंटरफेस बेक एंड, नेटवर्क एवं डाटा कम्पोनेंट्स से मिलकर बनता है।

अधिकांश प्रमुख वेब ब्राउज़र के यूजर इंटरफेस में कुछ समान अवयव होते हैं जिनके नाम अलग-अलग ब्राउज़र में अलग-अलग हो सकते हैं।

ये अवयव (एलेमेंट्स) निम्नलिखित हैं :

* पीछे और आगे के बटन्स (बैक व फोरवर्ड बटन्स) : क्रमश: पिछले या आगे के संसाधन में जाने के लिए।
* एक रिफ्रेश या रीलोड बटन, मौजूदा संसाधन (रिसोर्स पेज) को फिर से लोड करने के लिए।
* एक स्टॉप बटन, रिसोर्स लोडिंग रद्द करने के लिए। कुछ ब्राउज़रों में, स्टॉप बटन को रीलोड के साथ विलय कर दिया जाता है, मतलब जब आप रीलोड बटन को दबाते है तभी स्टॉप बटन दिखाई देता है स्टॉप करने के लिए।
* एक होम बटन, यूजर (उपयोगकर्ता) के मुख्य पृष्ठ (होमपेज) पर लौटने के लिए।
* एक एड्रेस बार जो वांछित संसाधन या पेज का यूनिफार्म रिसोर्स आइडेंटिफायर (Uniform Resource Identifier - URI) इनपुट करने में काम आती है।
* एक सर्च इंजन में इनपुट शब्दों के लिए एक सर्चबार। कुछ ब्राउज़रों में, सर्च बार को एड्रेस बार के साथ विलय कर दिया जाता है। 
* एक स्टेट्स बार जो संसाधन या पेज को लोड करने में प्रगतिं प्रदर्शन करती है, साथ में जूमिंग बटन्स भी होते हैं।
* व्यूपोर्ट, ब्राउज़र विंडो के अंदर वेबपेज के दृश्य क्षेत्र।
* एक पेज के लिए HTML सोर्स (स्रोत) को देखने की क्षमता।
* प्रमुख ब्राउजरों में एक वेब पेज के अंदर खोज करने के लिए इंक्रीमेंटल फाइंड फीचर भी होता है।
* अधिकतर ब्राउजर HTTP सिक्योर को सपोर्ट करते हैं और वेब कैश, डाउनलोड हिस्ट्री को नष्ट करने के लिए त्वरित और आसान तरीके प्रस्तुत करते हैं।

वर्तमान में दो सबसे ज्यादा लोकप्रिय ब्राउज़र है - माइक्रोसॉफ्ट इन्टरनेट एक्स्प्लोरर / माइक्रोसोफ्ट एज और गूगल क्रोम। अन्य प्रमुख ब्राउज़रों में मोजिला फायरफॉक्स, एप्पल सफारी और ओपेरा शमिल है। 
क्रोम ब्राउज़र को डिफॉल्ट ब्राउज़र के रूप में सेट रखना चाहिए क्योंकि यह गूगल आधारित अन्य सेवाओं के साथ सहज एकीकरण (सीमलेस इंटीग्रेशन) के कारण और अधिक सुविधाजनक बन जाता है। सभी ब्राउज़र के डाउनलोड लिंक नाम में ही है।

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16 अक्तूबर 2018

वेब सर्च इंजन क्या है? यह कैसे काम करता है?

Popular Web Search Engine
Popular Web Search Engine


नमस्कार मित्रों, जैसा की सब जानते है की वेब पर किसी भी विषय के बारे में जानना हो तो ब्राउज़र के एड्रेस में लिखते है और सर्च कर लेते है, जो की ब्राउज़र में सेव पहले से ही डिफाल्ट सर्च इंजन हमें परिणाम दिखाता है।

लेकिन वेब सर्च इंजिन क्या है? यह कैसे काम करता है? आईये जाने।

एक वेब सर्च इंजन वह सॉफ्टवेयर है जिसे वर्ल्ड वाइड वेब से सबंधित सूचनाओं को खोजने के लिए बनाया गया है। सर्च रिजल्ट (खोजे गये परिणामों) को सामान्यत: परिणामों की एक सूचि के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, जिसे "सर्च इंजन रिजल्ट पेज" (s.e.r.p.) कहा जाता है। सुचना वेब पेज, छवियों और अन्य कई तरह की फाइलों का मिश्रण हो सकता है। कुछ सर्च इंजन डाटा बेस अथवा ऑपन डायरेक्ट्रीज (Open Directories) से भी डाटा माईन (खोज) करते हैं।

एक सर्च इंजन वास्तविक समय में निम्नलिखित प्रक्रियाओं को सम्भालता है:
1. वेब क्रलिंग/ वेब स्पाइडर
2. इंडेक्सिंग (अनुक्रमण)
3. सर्चिंग (खोजना)

एक वेब क्राउलर वह इंटरनेट बोट (bot) है जो वेब अनुक्रमण (इंडेक्सिंग) के लिए वर्ल्ड वाइड वेब को व्यवस्थित तरीके से ब्राउज करता है। सर्च इंजन वेब क्राउलिंग या स्पाइडर सोफ्टवेयरों का उपयोग अपनी वेब कंटेंट (सामग्री) या दुसरी वेबसाइट के कंटेंट अनुक्रमण को अद्यतन (अपडेट) बनाने के लिए करते हैं। वेब क्राउलर विजिट किये गये सभी पृष्ठों की प्रतिलिपि (कॉपी) तेयार कर प्रस्तुत कर सकता है जिसके डाउनलोड किये गये पेजों को बाद में सर्च इंजन द्वारा अनुक्रमित किया जा सकता है जिसे उपयोगकर्ता (यूजर) और अधिक कुशलता से खोज (सर्च) सकता है।

इंडेक्सिंग अनुक्रमण का अर्थ वेब पेज पर पाए गये सबंधित शब्दों और परिभाषित हो सकने वाले टोकनो को उनके डोमेन-नेम और एच.टी.एम.एल. (HTML) फिल्ड से जोड़ना है।  इनका जोड़ सार्वजनिक डेटा बेस में किया जाता है जो वेब सर्च क्वेरी के लिए उपलब्ध रहता है। यूजर के द्वारा एक शब्द के रूप में भी क्वेरी की जा सकती है। अनुक्रमण (इंडेक्स) सबंधित सूचनाओं को शीघ्र से शीघ्र खोजने में मदद करता है।

आमतौर पर जब कोई यूजर कोई क्वेरी करता है तो वह कुछ शब्दों का समूह होता है। इंडेक्स में निहित तौर पर उन सभी वेबसाईटों के नाम होते हैं जहाँ क्वेरी शब्दों के कीवर्ड होते हैं एवं उन्हें तत्काल या क्षणिक तौर पर इंडेक्स से प्राप्त किया जा सकता है। वास्तविक प्रोसेसिंग लोड इन वेब-पेज (खोजे गये परिणामों) को सूचीबद्ध करने में लगता है।

सर्च इंजन की उपयोगिता परिणामों की प्रासंगिकता पर निर्भर करती है। उसी शब्द /शब्दांशों से सबंधित जानकारी लाखों वेबसाइट पर उपलब्ध होती है लेकिन उनमें से कुछ पेज दूसरों की तुलना में क्वेरी से अधिक प्रासंगिक एवं लोकप्रिय हो सकते हैं। अधिकतर सर्च इंजन परिणामों की रैंकिंग करके सबसे अच्छे परिणामों को सर्च रिजल्ट के रूप में प्रस्तुत करते हैं।

कौनसा पेज सबसे ज्यादा मैच करता है? किस क्रम में परिणामों को दिखाया जाना है? यह सुनिश्चित करने की प्रक्रिया हरेक सर्च इंजन अलग-अलग होती है। शोध के अनुसार, आज सबसे ज्यादा लोकप्रिय सर्च इंजन जिन्हें इंटरनेट समुदायों द्वारा अत्यधिक काम में लिया जा रहा है वो निम्न है:
1. गूगल (Google)
2. बिंग (Bing)
3. याहू (Yahoo)
4. बायडू
5. एओएल (AOL जिसे पहले अमेरिकन ऑनलाइन कहा जाता था)
6. आस्क
7. लाइकोस

गूगल सर्च जिसे सामान्यत: गूगल वेब सर्च या गूगल कहकर संबोधित किया जाता है, गूगल इनकार्पोरेशन का एक वेब सर्च इंजन है। यह वर्ल्ड वाइड वेब पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला सर्च इंजन है, जिसमे हर रोज तीस करोड़ से भी अधिक सर्च किये जाते हैं। गूगल के सर्च-रिजल्ट पेज का ऑर्डर "पेजरैंक" नामक पेटेंटेड प्रायोरिटी रैंक अल्गोरिद्म पर आधारित है।
गूगल सर्च का मुख्य उद्धेश्य वेब सर्वर पर सार्वजानिक रूप से उपलब्ध दस्तावेजों में शब्दों की खोज करना है ना की डेटाबेस में उपलब्ध चित्र या डाटा खोजना। यह मूल रूप से 1997 में लेरी पेज और सर्गेइ ब्रिन द्वारा विकसित किया गया था।

बिंग भी एक वेब सर्च इंजन है जिसे पहले लाइव (Live) सर्च, विंडोज लाइव सर्च एवं एम.एस.एन. (MSN सर्च) के नाम से भी जाना जाता था। इसे "डिसीजन इंजन" के रूप में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विज्ञापित किया गया था। बिंग का अनावरण 28 मई 2009 को माइक्रो सॉफ्ट के सीईओ स्टीव बाल्बर द्वारा किया गया।

अगली बार मिलते है कुछ ऐसी ही जानकारीवर्धक पोस्ट के साथ।

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